पटना|

स्वास्थ्य विभाग ने निजी एम्बुलेंस चालकों की मनमानी पर रोक लगाने के लिए निजी एम्बुलेंस का किराया तय कर दिया है। स्वास्थ्य विभाग के निदेशक प्रमुख डॉ. नवीन चंद्र प्रसाद ने बुधवार को किराया निर्धारण सम्बन्धी आदेश जारी कर दिया।

आदेश के अनुसार स्वास्थ्य विभाग और परिवहन विभाग की समिति ने विस्तृत समीक्षा के बाद निजी एम्बुलेंस का किराया निर्धारित किया है। इसका उल्लंघन करने वालों पर बिहार आपदा नियंत्रण कोविड 19 कानून के तहत कार्रवाई की जाएगी। एम्बुलेंस संचालक पर एफआईआर कराई जाएगी। उसे जेल भेजा जा सकता है या जुर्माना लगाया जा सकता है या दोनों सजा हो सकती है। इन एम्बुलेंस में लाइफ सपोर्ट सिस्टम, जीवन रक्षक दवाएं एवं प्रशिक्षित स्वास्थ्यकर्मी उपलब्ध होने चाहिए।

बिहार में मात्र 400 एंबुलेंस ही हैं फिलहाल पंजीकृत
बिहार में लगभग 400 एंबुलेंस ही पंजीकृत हैं। ये ऐसी गाड़ियां हैं जिसे कंपनी एंबुलेंस के तौर पर ही बनाती हैं। इन पंजीकृत एम्बुलेन्स में पशुओं को ढोने वाली गाड़ियां भी हैं। वहीं ऐसी गाड़ियां जो बोलेरो या अन्य को एंबुलेंस के रूप में परिवर्तित किया जाता है, उसे दूसरी श्रेणी के तौर पर परिवहन विभाग पंजीकृत करता है। दूसरी श्रेणी में पंजीकरण होने के कारण उसमें से एंबुलेंस की पहचान मुश्किल हो जाती है। गाड़ी चालक इसी का फायदा उठाते हैं। जांच अभियान में अगर कभी एंबुलेंस की जांच होती है तो वह दूसरी श्रेणी में अपने आप को पंजीकृत बता कर बच निकलते हैं।

किस वाहन का कितना किराया 
वाहन    – 50 किमी तक   –  50 किमी से अधिक पर
छोटी कार (सामान्य)  –   1500    – 18 रुपये प्रति किमी
छोटी कार (एसी)   – 1700    – 18 रुपये प्रति किमी
बोलेरो/सूमो/मार्शल (सामान्य)   – 1800   – 18 रुपये प्रति किमी
बोलेरो/सूमो/मार्शल (एसी)   – 2100   –  18 रुपये प्रति किमी
मैक्सी/सिटी राइडर/विंगर/ टेम्पो   –  2500   –  25 रुपये प्रति किमी (14-22सीट)
जाइलो/स्कॉर्पियो/क्वालिस/टवेरा (एसी)  –  2500  –   25 रुपये प्रति किमी