बिहार में नीतीश सरकार ने मुखिया और जनप्रतिनिधियों को एक प्रमुख जिम्मेदारी सौंप दी है। बाल विवाह एवं दहेज उन्मूलन में मुखिया एवं अन्य जनप्रतिनिधियों की भागीदारी एवं भूमिका तय होगी। इसको लेकर पंचायतीराज विभाग ने गुरुवार को सभी जिलाधिकारियों को दिशा निर्देश जारी किया है।
इस संबंध में पंचायती राज मंत्री सम्राट चैधरी ने कहा है कि बाल विवाह एवं दहेज प्रथा गंभीर सामाजिक बुराई है, जिसे दूर किये बिना सशक्त समाज की परिकल्पना नहीं की जा सकती है। बिहार पंचायत राज अधिनियम, 2006 की धारा 22 एवं धारा 47 (20) के अंतर्गत क्रमशः ग्राम पंचायत एवं पंचायत समिति को महिला एवं बाल कार्यक्रमों में सहभागिता करने का दायित्व सौंपा गया है। इसे सुनिश्चित कराने का निर्देश जिलों को दिया गया है।