पाकिस्तान को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने खतरनाक बताया। हाल यह है कि इस्लामिक कट्टरपंथी संगठन तालिबान भी पाकिस्तान को खूब सुना रहा है। मुलतान इलाके में एक सरकारी अस्पताल में मिली सड़ी लाशों को लेकर तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) ने कहा है कि यह कसाइयों का देश है। सूत्रों के मुताबिक टीटीपी ने इसके लिए पाकिस्तानी सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। कुछ रिपोर्ट्स में कहा गया था कि पाकिस्तान के अस्पताल में 200 शव बुरी हालत में पाए गए थे।
अनुमान है कि जिन लोगों की लाशें पाई गई हैं वे बलूच या फिर पश्तून हो सकते हैं जिन्हें पाकिस्तानी सेना ने किडनैप कर लिया था। न्यूज 18 की रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तानी पंजाब के निश्तार अस्पताल से ये शव बरामद हुए हैं। बहुत सारे शव ऐसे थे जिनके अंग निकाल लिए गए थे।
एक डॉक्टर ने बताया कि शवों पर पाए गए सलवार से पता चलता है कि या तो वे बलोच थे या फिर पश्तून। उनकी कद काठी और शरीर की बनावट भी बताती है कि वे पहाड़ी इलाकों के रहने वाले थे। नाम ना बताने की शर्त पर उन्होंने यह भी बताया था कि इन शवों का डीएनए टेस्ट नहीं कराया जाएगा। सरकार मुद्दे को दबाने की कोशिश में लगी हुई है।
टीटीपी ने कहा है कि पाकिस्तान कसाइयों का देश बन गया है जहां किसी की जान की कीमत नहीं है। खास तौर पर बलोच और पश्तूनों के साथ बहुत ही बुरा व्यवहार किया जाता है। पाकिस्तान के इरादे बलोच और पश्तूनों के लिए नापाक हैं। टीटीपी ने यह भी कहा कि इन लोगों के अंगों को बेचकर गंदा धन कमाया गया है। वर्षों से बहुत सारे पश्तून और बलोच गायब हैं। इस तरह से शवों के साथ व्यवहार करना भी शरिया के खिलाफ है।
दरअसल मुख्यमंत्री के सलाहकार चौधरी जमान गुज्जर निश्तार अस्पताल में दौरे पर पहुंचे थे। उन्होंने पाया कि अस्पताल के शवगृह में जमीन पर ही लाशें पड़ी हैं। एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक गुज्जर ने कहा कि एक शख्स ने उन्हें बताया था कि अगर आप वाकई में यहां के बारे में पता करने आए हैं तो एक बार मुर्दाघर में जाकर देखिए। उन्होंने कहा कि जब वह मुर्दाघर के बाहर पहुंचे तो वहां के कर्मचारी दरवाजा खोलने को ही तैयार नहीं थे।