नई दिल्ली: पाकिस्तान में सियासी उथल-पुथल जारी है. इमरान खान का पाकिस्तान के पीएम पद से हटना लगभग तय माना जा रहा है. ऐसे में भारत-पाक के बीच संबंधों को लेकर कई सवाल भी खड़े होते हैं. ये सवाल अहम हो जाता है कि अगर इमरान की सरकार गिर जाती है तो भारत के साथ रिश्तों पर क्या असर होगा? क्या भारत और पाकिस्तान के बीच रिश्तों में कोई नया मोड़ आएगा या फिर इमरान के हटने से भारत-पाकिस्तान के संबंधों में तनाव बरकरार रहेगा? पाकिस्तान में अविश्वास प्रस्ताव के बाद इमरान खान की सरकार अब गिरने की कगार पर है जिसकी एक बड़ी वजह पाकिस्तान की सेना है. ऐसा माना जा रहा है कि इमरान खान के संबंध अब सेना के साथ उस कदर अच्छे नहीं रहे. ऐसे में इमरान का पीएम की कुर्सी से जाना अब तय है

इमरान खान की सरकार गिरी तो भारत पर क्या हो सकता है असर?

पाकिस्तान में सियासी संकट चरम पर है. पाकिस्तान की सेना इस संकट के केंद्र में है. इसका मतलब साफ है कि न तो पाकिस्तान और न ही भारत की नीति में कोई बड़ा बदलाव होने की संभावना दिखती है. चाहे नवाज शरीफ के भाई शहबाज शरीफ ही सत्ता में क्यों न आ जाए.  पाकिस्तान में चाहे किसी भी पार्टी या गठबंधन की सरकार बने, जब तक पाकिस्तानी सेना का वहां की सरकार को बनाने और बिगाड़ने में दखल रहेगा, भारत-पाकिस्तान में संबंध सुधरने वाले नहीं हैं.

पाकिस्तान में चाहे किसी भी पार्टी या गठबंधन की सरकार बने, जब तक पाकिस्तानी सेना का वहां की सरकार को बनाने और बिगाड़ने में दखल रहेगा, भारत-पाकिस्तान में संबंध सुधरने वाले नहीं हैं. कुछ दिन पहले पाकिस्तान की सेना जब इमरान खान की कुर्सी हिलाने लगी तो इमरान खान ने वहां की फौज को चिढ़ाने के लिए भारत की विदेश नीति की खुलेआम और खुलकर तारीफ की थी.

भारत में पाकिस्तान से रिश्तों में सुधार को लेकर आशंकाएं इसलिए भी जताई जा रही है क्योंकि पाकिस्तान में जो विपक्ष है वो पीएमएल-एन हो या पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी हो. जब सत्ता इनके हाथ में आ जाएगी तो उनका पूरा जोर इस पर रहेगा कि पाकिस्तान की सेना को खुश कैसे रखा जाए. जाहिर है, इसके लिए उन्हें भारत के प्रति ज्यादा सख्त रुख अपनाना पड़ सकता है.

इमरान खान के जाने से दो तीन बातें संभव है. पहला ये कि भारत और पाकिस्तान के बीच संबंध जस के तस रह सकते हैं. पाकिस्तानी फौज की दखलअंदाजी की वजह से भारत से रिश्तों में तनाव बना रह सकता है. वही एक संभावना और है कि इमरान अगर हटे तो पाकिस्तान में कट्टरपंथी ताकतें और मजबूत होंगी जिसका असर भारत पर भी पड़ेगा.