देर से पहुंची CM ने बैठक लेने के बजाय सिर्फ कुछ कागज दिये और चली गयी…..बोली- दूसरी मीटिंग में हमें जाना है….

कोलकाता 28 मई 2021। ….शायद ही कभी हुआ होगा, जब प्रधानमंत्री और राज्यपाल को बैठक में मुख्यमंत्री के आने का इंतजार करना पड़ा। …लेकिन कहते हैं कि जो कहीं नहीं हो रहा, वो आजकल पश्चिम बंगाल में हो रहा है। चक्रवात का जायजा लेने के लिए बंगाल पहुंचे प्रधानमंत्री मोदी को रिव्यू मीटिंग में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आधे घंटे इंतजार करा दिया। 30 मिनट तक प्रधानमंत्री मोदी, राज्यपाल और पीएमओ के अफसर मीटिंग हॉल में बैठे रहे, लेकिन मुख्यमंत्री आधे घंटे बाद बैठक में पहुंची। मुख्यमंत्री नहीं पहुंची थी, इसलिए राज्य के अफसर भी बैठक में तब तक नहीं आये, जब तक ममता बनर्जी नहीं पहुंची।

दरअसल पीएम नरेंद्र मोदी शुक्रवार को यास साइक्लोन से प्रभावित इलाकों का एरियल सर्वे करने पश्चिम बंगाल पहुंचे. यहां उन्हे एक रिव्यू मीटिंग में हिस्सा लिया. बताया जा रहा है कि मीटिंग में 30 मिनट देर से पहुंचने के बाद ममता बनर्जी ने चक्रवात के असर से जुड़े दस्‍तावेज केंद्र सरकार के अधिकारियों को सौंप दिए और फिर वहां से चली गईं. उनका कहना था कि उन्‍हें दूसरी मीटिंगों में हिस्‍सा लेना है.

इस घटना को लेकर पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने ट्वीट कर कहा कि टकराव का ये रुख राज्य या लोकतंत्र के हित में नहीं है. सीएम और अधिकारियों द्वारा गैर-भागीदारी संवैधानिकता या कानून के शासन के अनुरूप नहीं है.वहीं, सीएम ममता बनर्जी का कहना है कि उन्होंने दीघा रवाना होने से पहले पीएम को जमीनी स्थिति से अवगत करा दिया. उन्होंने कहा कि हिंगलगंज और सागर में समीक्षा बैठक करने के बाद, मैं कलाईकुंडा में पीएम से मिली और उन्हें पश्चिम बंगाल में चक्रवात के बाद की स्थिति से अवगत कराया. जानकारी के लिए आपदा रिपोर्ट उनको सौंपी गई है. सीएम ममता ने कहा कि मैं अब दीघा में राहत और बहाली कार्य की समीक्षा करने के लिए आगे बढ़ रही हूं.

उधर, पीएम मोदी ने ‘यास’ से हुए नुकसान को लेकर राज्य सरकारों को वित्तीय मदद का ऐलान किया है. केंद्र सरकार ने तत्काल 1 हजार करोड़ रुपए के राहत पैकेज का ऐलान किया. इसमें 500 करोड़ ओडिशा और 500 करोड़ पश्चिम बंगाल-झारखंड को दिए जाएंगे. साथ ही मृतकों के परिजनों को 2 लाख और घायलों को 50 हजार रुपये दिए जाएंगे.