माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा आयोजित दसवीं-बारहवीं की परीक्षाओं में दो सप्ताह ही शेष हैं। लंबे अंतराल के बाद छात्र ऑफलाइन मोड में परीक्षा दिलाने जा रहे हैं। कोरोना गाइडलाइन के पालन को लेकर जहां परीक्षा केंद्रों में अपने स्तर पर कई तरह की तैयारियां की जा रही हैं। वहीं स्कूलों में भी कोर्स पूरा करने और बचे हुए दिनों का इस्तेमाल रिवीजन करने में किया जा रहा है।
रायपुर. माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा आयोजित दसवीं-बारहवीं की परीक्षाओं में दो सप्ताह ही शेष हैं। लंबे अंतराल के बाद छात्र ऑफलाइन मोड में परीक्षा दिलाने जा रहे हैं। कोरोना गाइडलाइन के पालन को लेकर जहां परीक्षा केंद्रों में अपने स्तर पर कई तरह की तैयारियां की जा रही हैं। वहीं स्कूलों में भी कोर्स पूरा करने और बचे हुए दिनों का इस्तेमाल रिवीजन करने में किया जा रहा है। वक्त की कमी पर्चे ऑफलाइन ही, दो साल बाद सेंटर में परीक्षा देंगे छात्र को देखते हुए अधिकतर स्कूलों में प्री – बोर्ड नहीं लिए जाने का फैसला किया गया है। रायपुर जिले में 38 दिनों के बाद सोमवार से स्कूल खुले हैं। शेष पेज 13 पर 70 प्रतिशत पाठ्यक्रम ही इस बार बोर्ड परीक्षाओं में 70 प्रतिशत पाठ्यक्रम से ही सवाल पूछे जाएंगे। कई महीनों तक स्कूल बंद रहने और ऑनलाइन कक्षाओं में गति कम होने के कारण पाठ्यक्रम का इतना हिस्सा भी कई स्कूलों में पूरा नहीं हो सका है। सिलेबस पूरा करने और छात्रों के डाउट क्लियर करने के लिए अब रविवार को भी कक्षाएं लगाई जाएंगी। कुछ दिनों पूर्व हुई प्राचार्यों की बैठक में इसे लेकर जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा निर्देश दिए गए थे।
माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा आयोजित दसवीं-बारहवीं की परीक्षाओं में दो सप्ताह ही शेष हैं। लंबे अंतराल के बाद छात्र ऑफलाइन मोड में परीक्षा दिलाने जा रहे हैं। कोरोना गाइडलाइन के पालन को लेकर जहां परीक्षा केंद्रों में अपने स्तर पर कई तरह की तैयारियां की जा रही हैं। वहीं स्कूलों में भी कोर्स पूरा करने और बचे हुए दिनों का इस्तेमाल रिवीजन करने में किया जा रहा है। वक्त की कमी पर्चे ऑफलाइन ही, दो साल बाद सेंटर में परीक्षा देंगे छात्र को देखते हुए अधिकतर स्कूलों में प्री – बोर्ड नहीं लिए जाने का फैसला किया गया है। रायपुर जिले में 38 दिनों के बाद सोमवार से स्कूल खुले हैं। शेष पेज 13 पर 70 प्रतिशत पाठ्यक्रम ही इस बार बोर्ड परीक्षाओं में 70 प्रतिशत पाठ्यक्रम से ही सवाल पूछे जाएंगे। कई महीनों तक स्कूल बंद रहने और ऑनलाइन कक्षाओं में गति कम होने के कारण पाठ्यक्रम का इतना हिस्सा भी कई स्कूलों में पूरा नहीं हो सका है। सिलेबस पूरा करने और छात्रों के डाउट क्लियर करने के लिए अब रविवार को भी कक्षाएं लगाई जाएंगी। कुछ दिनों पूर्व हुई प्राचार्यों की बैठक में इसे लेकर जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा निर्देश दिए गए थे।