इतनी शिद्दत से मैंने तुम्हें पाने की कोशिश की है
कि हर जर्रे ने मुझे तुमसे मिलाने की साजिश की है…
दंतेवाड़ा। शाहरूख खान के इस फिल्मी डायलाग की ही तर्ज पर अपने प्रेमी को पाने की जिद ठाने बैठी प्रेमिका दंतेवाड़ा निवासी आरती सहारे ने बकावंड निवासी अपने प्रेमी विकास गुप्ता को हासिल कर ही दम लिया। दरअसल ये उसी कहानी का अगला पार्ट है, जिसमें शादी के बाद दुल्हन वाट्सऐप की मदद से अपने प्रेमी के साथ भाग निकली थी। फरार दुल्हन और उसके प्रेमी को पकड़ने के बाद पुलिस ने लड़के के खिलाफ मामला दर्ज किया, लेकिन एक दिन बाद पुलिस ने प्रेमी को छोड़ दिया। इसके बाद ही थाने के बाहर हंगामा खड़ा हो गया। बिना दुल्हन वाला दूल्हा अपने रिश्तेदारों को लेकर थाने पहुंच गया। इसी बीच लड़की वाले भी आ गए। रिश्तेदारों ने प्रेमी को वहीं घेर लिया। लेकिन अब बारी थी दुल्हन की, दिलेरी दिखाते हुए वह अपने प्रेमी के आगे ढाल बन गई। इतना ही नहीं उसने दूल्हे को मंगलसूत्र लौटा दिया।
लड़की की जिद के आगे दोनो पक्षों से पहुंचे परिजनों को झुकना पड़ा और आखिरकार सब मान गए। इसके बाद युवती अपने प्रेमी के साथ ही थाने से रवाना हुई। अब जल्द ही दोनों शादी करेंगे वह भी दोनो पक्षों की सहमति से। उल्लेखनीय है कि इस कहानी की शुरुआत होती है दंतेवाड़ा से। जहां की रहने वाली आरती सहारे और बस्तर के ही बकावंड निवासी विकास गुप्ता के बीच लंबे समय से प्रेम-प्रसंग चल रहा है, लेकिन परिजन शादी के लिए तैयार नहीं थे। उन्होंने आरती की शादी महाराष्ट्र के एक युवक से तय कर दी। दोनों की शादी 6 फरवरी को हुई। पति के साथ आरती विदा हुई, लेकिन राजनांगदांव के मानपुर क्षेत्र से प्रेमी विकास संग फरार हो गई। अगले दिन 7 फरवरी को कांकेर में पुलिस ने उन्हें पकड़ लिया था।
बेटी के ‘प्यार’ से पिघला मां का मन जिस दिन पुलिस ने फरार प्रेमी-प्रेमिका को पकड़ा उसी दिन देर शाम फिर दूल्हा अपने रिश्तेदारों को लेकर कांकेर थाने पहुंच गया। दुल्हन की मां अपने रिश्तेदारों को लेकर और प्रेमी का भाई भी थाने में पहुंच गए। पुलिस के सामने ‘फैमली ड्रामा’ काफी देर तक चलता रहा। पुलिस ने पहले प्रेमी का मामला सुलझाकर उसे थाने से बाहर भेज दिया। वह मायूस होकर बाहर गया। लेकिन इस बीच दुल्हन ने भी स्पष्ट कर दिया कि वह अपने प्रेमी के साथ ही जाएगी। अपनी बेटी के प्यार को पाने की जिद के आगे आखिरकार मां का मन पिघल गया। और मां ने अनुमति दे दी। ‘किसी ने हाथ भी लगाया तो छोडू़ंगी नहीं…’ मां से अनुमति मिलने के बाद हर्षित दुल्हन प्रेमी को तलाशते हुए थाने से बाहर आई, तो उसने अपने प्यार को ‘खलनायकों’ से घिरा पाया। बस फिर क्या था… लड़की ने आव देखा न ताव और अपने प्रेमी की ढाल बनकर खड़ी हो गई। उसने किसी फिल्मी हीरोइन की तरह चेतावनी देते हुए कहा कि, विकास के साथ कुछ भी होगा, तो वह किसी को नहीं छोड़ेगी। प्रेमिका के तेवर देखकर वहां विकास की लानत-मलानत कर रहे दूल्हे के रिश्तेदारों ने पांव पीछे खींच लिये। दोनों के प्यार को देखकर दूल्हे को भी झुकना पड़ गया। आखिर में दूल्हे ने कहा, जा तूझे 8 बार माफ कर चुका हूं। अब एक बार और माफ किया। और इसी के साथ इस कहानी की हैप्पी एंडिंग… इसके बाद आरती ने मंगलसूत्र दूल्हे को लौटाया और विकास का हाथ पकड़कर घर के लिए रवाना हो गई।