डिजिटल मीडिया के इस युग में आ गई है न्यूज़ पोर्टलों की बाढ, जालसाज़ों पर होगा केस दर्ज

दिल्ली-रायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य सहित अन्य सभी राज्यों में ज्यादातर न्यूज़ पोर्टल व यूट्यूब न्यूज़ चैनलों के संपादकों ने खुद को संपादक घोषित कर रखा है तथा फर्जी प्रेस कार्ड भी जारी कर रहे हैं। ऐसे मामलों की गंभीरता को देखते हुए सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय (RNI) सख्ती से निपटने जा रही है सोशल साइट्स न्यूज़ पोर्टल यूट्यूब पर न्यूज़ चैनल बनाकर स्वयं को संपादक लिखने वाले जाल-साज पर केस दर्ज कर जेल भेजे जाने की तैयारी सरकार द्वारा की जा रही है।

ministryमंत्रालय का स्पष्ट कहना है कि प्रेस कार्ड को जारी करने का अधिकार सिर्फ (RNI) रजिस्टर्ड समाचार पत्रों के संपादक को ही है तथा ऐसे इलेक्ट्रॉनिक मीडिया चैनल जो मिनिस्ट्री आफ ब्रॉडकास्ट से मान्यता प्राप्त है, वह भी जारी कर सकते हैं अब सरकार द्वारा अभियान चलाकर फर्जी संपादकों पर नकेल कसी जाएगी, और उनके खिलाफ FIR दर्ज की जाएगी, मंत्रालय के एक अधिकारी द्वारा बताया गया कि न्यूज़ पोर्टल और यूट्यूब चैनल बनाकर आप खबरों को तो दिखा सकते हैं, इसका मतलब यह नहीं कि आप एक पंजीकृत मीडिया संस्थान हो, आप प्रेस कार्ड जारी करने का अधिकार नहीं रखते हैं,

यदि आप ऐसा करते हो तो यह विधि विरुद्ध है,और कौन जारी कर सकता है प्रेस कार्ड प्रेस कार्ड जारी करने का अधिकार सिर्फ सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा मान्यता प्राप्त प्रिंट व इलेक्ट्रॉनिक मीडिया संस्थानों को ही है, फर्जी पत्रकारों पर भी होगी कार्यवाही मंत्रालय द्वारा यह भी स्पष्ट रूप से कहा गया है कि सारे लोगो के फर्जी प्रेस कार्ड धारकों वाले अयोग्य तथाकथित पत्रकार पर भी शिकंजा कसा जाएगा, तथा उनके विरुद्ध भी विधिक कार्रवाई की जाएगी।