बिहार में नीतीश कुमार से सियासी रिश्ते खत्म होने के बाद मंगलवार को भाजपा हाईकमान ने राज्य के बड़े नेताओं को दिल्ली तलब किया है। भाजपा कोर कमेटी की बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा शामिल हुए। मीटिंग में आगे की रणनीति तय हुई।
सूत्रों के मुताबिक, विधानसभा और विधान परिषद में भाजपा का नेता तय करने पर भी विचार हुआ। मीटिंग में ‘पोल खोल नीतीश कुमार’ थीम पर कई रैलिया करने पर बात हुई। पार्टी संगठन आगे कैसे काम करेगी, जिससे 2024 के लोकसभा चुनाव में जीत हासिल करे, इस पर भी चर्चा हुई। वहीं, पार्टी के सीनियर लीडर अपर कास्ट वोटर्स पर फोकस करने और नीतीश कुमार को चुनौती देने वाला चेहरा खोजने के पक्ष में हैं।
एकमात्र सहयोगी दल LJP को मजबूत करने पर चर्चा हुई
भाजपा के सहयोगी के तौर पर बिहार में अब केवल लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) का पशुपति पारस गुट बचा है। इसलिए BJP का कोर ग्रुप LJP के दोनो धड़ों को एक साथ लाने पर विचार कर रहा है, ताकि उसकी ताकत बढ़ाई जा सके।
सूत्रों के मुताबिक, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल का कार्यकाल अगले महीने समाप्त हो रहा है। इसके बाद संगठन में बड़े स्तर पर बड़े बदलाव की उम्मीद है।
गिरिराज, सुशील मोदी और रविशंकर भी शामिल हुए
भाजपा की इस मीटिंग में संगठन महासचिव बीएल संतोष, केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे, गिरिराज सिंह और नित्यानंद राय, नेता रविशंकर प्रसाद और सुशील मोदी भी शामिल हुए। इसके अलावा, पूर्व डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद, प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल समेत कई नेताओं को बुलाया गया है।
5 साल बाद बिहार में सत्ता से बेदखल हो चुकी है भाजपा
पिछले हफ्ते बिहार में हुई सियासी उठापटक के बाद नीतीश कुमार ने भाजपा से गठबंधन तोड़ने का ऐलान किया था, जिसके बाद भाजपा सत्ता से बाहर हो गई। नीतीश कुमार के साथ 2017 में भाजपा ने बिहार में सरकार बनाई थी। पार्टी के पास वर्तमान में 76 विधायक हैं।
2024 में नीतीश के अलग होने से भाजपा की बढ़ सकती है टेंशन
बिहार में नीतीश कुमार के साथ छोड़ने से भाजपा की मुश्किलें 40 सीटों पर बढ़ गई है। पिछले दिनों JDU के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने कहा था कि बिहार, बंगाल और झारखंड के 40 सीटों पर भाजपा की घेराबंदी करेंगे। बिहार में JDU के पास 16 लोकसभा सांसद हैं।