पटना। बिहार में पंचायत चुनाव अब पूरी तरह कोरोनावायरस संक्रमण की चाल पर निर्भर हो गया है। एक पखवारे के भीतर हालत में सुधार होता है तो चुनाव की घोषणा हो सकती है। इस अवधि में अगर संक्रमण की मौजूदा रफ्तार कायम रही तो राज्य निर्वाचन आयोग ऐलान कर देगा कि फिलहाल मतदान संभव नहीं है। नई बात यह है कि आयोग ने 22 अप्रैल से होने वाले निर्वाची अधिकारियों के प्रशिक्षण कार्यक्रम को टाल दिया गया है। प्रशिक्षण 22 से 24 अप्रैल के बीच होने वाला था। तीन दिनों के इस प्रशिक्षण में प्रतिदिन तीन-तीन प्रमंडलों के निर्वाची अधिकारियों को प्रशिक्षण लेना था। निर्वाची अधिकारियों से संबद्ध संगठन पहले से ही पंचायत चुनाव टालने की मांग कर रहे हैं।
निर्वाची अधिकारियों का प्रशिक्षण स्थगित
राज्य निर्वाचन आयोग के उप मुख्य निर्वाचन अधिकारी बैजू कुमार सिंह ने बुधवार को सभी जिलाधिकारियों को पत्र लिख कर निर्वाची अधिकारियों के प्रशिक्षण को स्थगित करने की घोषणा की है। उन्होंने बताया कि पूरा क्षेत्रीय प्रशासन कोरोना से बचाव में लगा हुआ है। 15 दिनों के बाद स्थिति की समीक्षा के बाद प्रशिक्षण की नई तारीख घोषित होगी।
क्या है आयोग की कार्य योजना
पंचायत चुनाव को लेकर आयोग की कार्य योजना पूरी तरह कोरोना पर निर्भर हो गई है। सूत्रों ने बताया कि आयोग 15 दिनों तक महामारी की गति को देखेगा। इस अवधि में संक्रमण की दर में गिरावट और स्वस्थ्य होने वाले लोगों की संख्या में वृद्धि हुई तो चुनाव की तारीखों का ऐलान हो जाएगा। गिरावट या वृद्धि नहीं हुई और स्थिति यथावत बनी रही, उस हालत में भी चुनाव का ऐलान नहीं होगा।
हर तरफ हो रहा है विरोध
कोरोना काल में पंचायत चुनाव का हर तरफ विरोध हो रहा है। चुनाव कराने वाले निर्वाची अधिकारियों के संगठन ग्रामीण विकास सेवा संघ ने 14 अप्रैल को मुख्य सचिव को पत्र लिखकर चुनाव टालने का अनुरोध किया था। इस आशय का एक पत्र राज्यपाल को भी लिखा गया है। राजस्व सेवा संघ, सहकारिता पदाधिकारी संघ और अभियंत्रण सेवा संघ ने भी इस समय पंचायत चुनाव का विरोध किया है। इन्हीं सेवाओं के अधिकारी पंचायत चुनावों के निर्वाची अधिकारी होते हैं। अनुमंडल पदाधिकारी को जिला परिषद सदस्य के चुनाव के लिए निर्वाची अधिकारी बनाया जाता है।