बिलासपुर। शहरों-गाँवों में बिजली की व्यवस्था चाहे कैसे भी हो बिजली बिल तो वसूल किया ही जाता है। बिलासपुर जिले के मस्तूरी में बिजली विभाग के कमीशनखोर कर्मचारियों ने मस्तूरी क्षेत्र के गाँव के एक गरीब किसान को बिजली बिल अधिक मात्रा में भेजा।
मिली जानकारी के अनुसार किसानों व ग्रामीणों के घर 15 हजार से 20 हजार रु. तक बिजली बिल भेजा जा रहा है। किसानों की माने तो बिजली विभाग वाले ऐसा इसलिए कर रहे है ताकि कुछ कर्मचारियों के द्वारा बिजली विभाग का राशि को गमन किया गया। ये कमीशनखोर उन्हीं राशियों को अपना बिजली बिल भरने करने के लिए करते है। यही वजह है कि मस्तूरी क्षेत्र में इन दिनों कई किसानों के घर काफी बड़ी मात्रा में बिजली का बिल भेजा जा रहा है। मस्तूरी में 306.13 लाख की अनियमितता, के कारण 13 कमीशनखोरो के खिलाफ अपराध दर्ज किया जा चूका है। फिर भी इन लोगों के ऊपर अभी तक कोई ठोस और उचित कार्यवाही नहीं हो पाई है।
मस्तूरी वितरण केंद्र में मीटर रीडिंग और बिजली बिल में गड़बड़ी करके 306.13 लाख रुपए की वित्तीय अनियमितता की गई है। इस मामले में मस्तूरी वितरण केंद्र के कर्मचारियों सहित 17 लोगों को निलंबित किया गया। सभी के खिलाफ विभागीय जांच होगी। 13 लोगों के खिलाफ पुलिस में अपराध दर्ज कराया गया है। पांच ठेका कर्मचारियों को कंपनी के काम से हटा दिया गया है। तीन अधिकारियों के खिलाफ विभागीय जांच शुरू की गई है। जिनके विरुद्ध कार्रवाई की गई है, उनमें कनिष्ठ अभियंता प्रिया आमले, कार्यालय सहायक श्रेणी 2 बीपी तिवारी, परिचारक श्रेणी 2 पालेश्वर साहू, परिचारक श्रेणी संविदा मनोज कुमार साहू, मीटर रीडर ठेका कर्मी हेमंत पटेल, अनिल सिंह चंदेल, ओमप्रकाश राठौर, व्यास राठौर, धर्मेंद्र पांडू, चंद्रमणि राठौर, पुरुषोत्तम यादव, राजकुमार राठौर, कंप्यूटर ऑपरेटर ठेका किशन कुमार यादव, कार्यालय सहायक श्रेणी 2 कोमल प्रसाद देवांगन, कार्यालय सहायक श्रेणी 2 अमल मेहर, सहायक यंत्री प्रदीप पैकरा एवं परिचारक श्रेणी-3 टिकेश यादव शामिल हैं।
पचपेड़ी में 4.52 लाख का घपला
पचपेड़ी वितरण केंद्र में मीटर रीडिंग और बिजली बिल में गड़बड़ी करके 4.52 लाख रुपए की गड़बड़ी की गई है। इसके लिए कार्यालय सहायक श्रेणी 2 कोमल प्रसाद देवांगन पर विभागीय कार्यवाही की जा रही है।