नई दिल्ली: इस साल फरवरी महीने में यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद शुरू हुई जंग (Russia Ukraine War) ने ग्लोबल ट्रेड (Global Trade) पर बड़ा असर डाला है. इससे ग्लोबल सप्लाई चेन (Global Supply Chain) पर बुरा असर हुआ और कई देशों में खाने-पीने की चीजों की कमी (Food Crisis) हो गई. हालांकि अब धीरे-धीरे इस स्थिति में सुधार आने की उम्मीद है. रूस और यूक्रेन दोनों हाल ही में इस बात पर सहमत हुए हैं कि ब्लैक सी (Black Sea) के रास्ते व्यापार को फिर से शुरू किया जाए. इस सहमति के बाद यूक्रेन फिर से गेहूं (Wheat), सूरजमुखी तेल (Sunflower Oil) आदि का निर्यात शुरू कर सकेगा. ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के अनुसार, बदले हालात में भारत भी यूक्रेन से सूरजमुखी तेल की बड़ी खेप खरीदने की तैयारी में है. भारत यूक्रेन से खाने के तेल (Edible Oil) की खेप खरीदने की शुरुआत ऐसे समय में कर रहा है, जब वह पहले ही जंग के कारण सस्ते हुए रूसी क्रूड ऑयल (Russian Crude Oil) का फायदा उठा रहा है. घरेलू आयात-निर्यात कंपनी सनविन ग्रुप (Sunvin Group) की मानें तो भारत को पांच महीने के अंतराल के बाद इस साल सितंबर महीने में यूक्रेन से सूरजमुखी तेल की पहली खेप मिल सकती है. आपको बता दें भारत क्रूड ऑयल की तरह खाने के तेल का भी बड़े पैमाने पर आयात करता है. भारत को दुनिया का सबसे बड़ा एडिबल ऑयल इम्पोर्टर (World’s Biggest Edible Oil Importer) माना जाता है. ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट में मुंबई बेस्ड आयात-निर्यात कंपनी सनविन के चीफ एक्सीक्यूटिव ऑफिसर संदीप बाजोरिया (Sandeep Bajoria) के हवाले से कहा गया है कि एग्रीकल्चरल एक्सपोर्ट (Agricultural Export) के लिए ब्लैक-सी के कुछ कॉरिडोर को खोले जाने के बाद यूक्रेन से भारत को करीब 50-60 हजार टन सूरजमुखी तेल की खेप मिल सकती है. इन खेपों को यूक्रेन के ओडेशा (Odesa) और कोर्नोमोर्स्क (Chornomorsk) बंदरगाहों पर लोड किया जा सकता है. उन्होंने कहा, ‘हमें अगस्त शिपमेंट के लिए ऑफर मिलने लगे हैं, लेकिन सारी चीजें जहाजों की उपलब्धता पर निर्भर करेगी. यूक्रेन के पास पर्याप्त मात्रा में ऑयलसीड (Oilseeds) उपलब्ध है.’

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