पश्चिम बंगाल में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की सरकार के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी ने मोर्चा खोल दिया है। मंगलवार को नाबन्न अभियान के बीच भाजपा कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच राज्य के कई क्षेत्रों में जमकर झड़प देखी गई। इधर, पुलिस को भी जवाबी कार्रवाई में भाजपा के कई बड़े नेताओं और कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया।

क्या है नाबन्न चलो अभियान
भाजपा ने सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस सरकार की भ्रष्ट गतिविधियों के खिलाफ प्रदर्शन कर रही है। खबर है कि पुलिस ने उन्हें प्रदर्शन की अनुमति नहीं दी थी। भाजपा के प्रदेश प्रमुख सुकांत मजूमदार ने कहा कि राज्य की पुलिस टीएमसी कैडर की तरह बर्ताव कर रही है। साथ ही उन्होंने जानकारी दी कि सचिवालय तक मार्च के लिए उन्हें इजाजत नहीं दी गई थी।

हिरासत में शुभेंदु अधिकारी
मंगलवार को जारी प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने भाजपा नेता और विधायक शुभेंदु अधिकारी को हिरासत में ले लिया है। इसके अलावा राहुल सिन्हा और सांसद लॉकेट चटर्जी को भी हिरासत में लिया गया है। खबर है कि इन नेताओं को लालबजार स्थित कोलकाता पुलिस मुख्यालय ले जाया गया है।

राजधानी कोलकाता में नाबन्ना यानी राज्य सचिवालय अभियान में हिस्सा लेने जा रहे भाजपा कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीज रानीगंज पर झड़प हुई। यही नजारा बाद में बोलपुर रेलवे स्टेशन पर भी देखने को मिला। खबर है कि पुलिस भाजपा के सदस्यों को नाबन्ना चलो मार्च में जाने से रोकने की कोशिश कर रही थी। इस दौरान कई कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया गया है।

समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, भाजपा नेता अभिजीत दत्ता ने कहा, ‘भाजपा की नाबन्ना मार्च में शामिल होने के लिए ट्रेन के जरिए सैकड़ों भाजपा कार्यकर्ता कोलकाता की ओर बढ़ रहे हैं। पुलिस ने रेलवे स्टेशन्स के  रास्ते में बैरिकेड्स लगा दिए हैं। दुर्गापुर रेलवे स्टेशन के पास हमारे 20 कार्यकर्ताओं को रोका गया। मैं यहां अन्य रास्तों से होता हुआ पहुंचा हूं।’

कोलकाता में भी पुलिस की सख्ती
खबर है कि पुलिस ने कोलकाता में भी मार्च रोकने के लिए सुरक्षा व्यवस्था में इजाफा किया है। कोलकाता की सीमाओं की घेराबंदी की गई है। बैरिकेड्स के जरिए राजधानी जाने वाले रास्तों को रोका गया है। रैली को रोकने के लिए पुलिस ने नाबन्ना को 5 किमी के रेडियस को छावनी में बदल दिया है।