कोरबा। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (नालसा) व राष्ट्रीय महिला आयोग के संयुक्त तत्वावधान में महिलाओं के अधिकारों के संबंध में विधिक सेमीनार, जागरूकता कार्यक्रम जिला पंचायत के सभागार में आयोजित किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि व विशिष्ट अतिथियों ने मां शारदा के चित्र के समक्ष दीप प्रज्जवलित कर किया।
समारोह में प्रथम जिला व सत्र न्ययाधीश संघ पुष्पा भतपहरी ने कहा कि सशक्त नारी, सशक्त समाज। उन्होंने आगे कहा कि भारत का संविधान महिलाओं को समानता का दर्जा प्रदान करता है, जो महिलाओं को गरिमा प्रदान करता है। संविधान की प्रस्तावना प्रत्येक नागरिक को सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक न्याय प्रदान करती है। महिलाओं को विधिक जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम 2005 के तहत एक पीड़ित व्यक्ति कोई भी महिला है, जो प्रतिवादी के साथ घरेलू संबंध में है या रही है, जिसने प्रतिवादी द्वारा घरेलू हिंसा के किसी भी कार्य का आरोप लगाया गया है। घरेलू हिंसा है। उनके द्वारा लैंगिक उत्पीड़न, दहेज प्रतिषेध अधिनियम 1961, लेगिंग अपराधों से बालको का संरक्षण अधिनियम, महिलाओं का कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न समेत विभिन्न अधिनियमों की जानकारी दी गई।