सुल्तानपुर. आज के इस आधुनिक कहे जाने वाले समाज में अंधविश्वास की खबरें देश के कई जगहों से आती रहती है. लोग अज्ञानता की वजह से चमत्कार के फेर में ओझा के चंगुल में फंस जाते हैं. इसमें अनपढ़ से लेकर पढ़े-लिखे लोग भी बीमारी से छुटकारा पाने के लिए ताबीज-गंडा और झांड-फूंक का सहारा लेते हैं. लोग अंधविश्वास के चलते अपनी जान से खेलते हैं. कई बार इनको अपनी जिंदगी भी गवानी पढ़ती है. इसी प्रकार का एक खौफनाक मामला सामने आया है. एक युवती को मिर्गी का दौरा पड़ गया. इसके बाद युवती को ओझा के पास ले जाया गया. ओझा ने युवती से मारपीट की. इसके बाद उनके पूरे शरीर को अगरबत्ती से जला दिया. युवती की चीख-पुकार सुन मां कमरे के अंदर पहुंची तो देखकर दंग रह गई.
छीतेपट्टी किशुनपुर गांव में मिर्गी का दौरा पड़ने का उपचार कराने पहुंची एक युवती को ओझा ने अगरबत्ती से जला दिया. युवती की चीख-पुकार पर पहुंची मां को देखकर आरोपी ओझा अपने बेटे के साथ फरार हो गया. पुलिस ने युवती को सीएचसी में भर्ती कराते हुए आरोपी ओझा और उसके बेटे के खिलाफ केस दर्ज किया है. दोस्तपुर थाना क्षेत्र के छीतेपट्टी किशुनपुर गांव निवासी शमशेर अहमद ओझाई (झाड़फूंक) का काम करता है. शुक्रवार की शाम सविता (25) पत्नी कपिल देव निवासी कुढा थाना बेवाना जिला अंबेडकर नगर अपनी मां राजपत्ती प्रजापति के साथ छीतेपट्टी किशुनपुर गांव शमशेर के यहां ओझाई करवाने पहुंची थी. सविता को मिर्गी का दौरा पड़ता था.
मां-बेटी जब शमशेर के घर पहुंचीं तो ओझा ने बीमारी ठीक करने के नाम पर सविता से 25 हजार रुपए लिए. उसके बाद सविता को शमशेर बुलाकर कमरे में ले गया. शमशेर के साथ ही उसका बेटा नन्हे अहमद भी मौजूद था. कमरे में बाप और बेटे ने सविता को पीटने के साथ ही पूरे शरीर को अगरबत्ती से जला दिया. सविता की चीख-पुकार पर जब उसकी मां कमरे में पहुंची तो बेटी बेहोशी की हालत में मिली. सविता की हालत खराब होने के बाद शमशेर अपने बेटे नन्हे के साथ फरार हो गया. ग्रामीणों की मदद से राजपती देवी अपनी बेटी को लेकर थाने पहुंची. पुलिस कर्मियों ने तत्काल सविता को सीएचसी पहुंचाया, जहां चिकित्सकों ने उसका उपचार शुरू किया. पुलिस ने मां की तहरीर पर शमशेर और उसके पुत्र नन्हे के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है. पुलिस आरोपियों की तलाश कर रही है.