Ukraineयुद्धग्रस्त यूक्रेन में अभी भी 15-20 भारतीय फंसे हुए हैं। विदेश मंत्रालय ने बताया कि जो भारतीय वहां से बाहर निकलना चाहते हैं, उन्हें सभी तरह की मदद दी जा रही है। मंत्रालय ने साफ किया कि ‘अपरेशन गंगा’ अभी भी जारी है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि यह युद्ध की स्थिति है, लेकिन जो भी बाहर आना चाहते हैं, उन्हें निकालने का काम हम जारी रखेंगे।
बागची ने कहा, “तीन दिन पहले तक वहां करीब 50 भारतीय थे। हमारा अनुमान है कि 15-20 लोग उस देश (यूक्रेन) को छोड़ना चाहते हैं। अन्य वे लोग हैं जो अभी बाहर नहीं निकलना चाहते हैं। जितनी मदद संभव है, हम उतनी कर रहे हैं। यूक्रेन से 22,500 भारतीयों को वापस लाया गया है और कहीं-कहीं कुछ लोग अभी हैं और यह उभरती स्थिति है। हम सभी भारतीयों के सम्पर्क में हैं जो वहां हैं। भारतीय दूतावास हर संभव मदद दे रहा है।”
यूक्रेन संकट का भारतीय अर्थव्यवस्था पर होगा नकारात्मक असर
वहीं, अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) ने कहा कि यूक्रेन पर रूस के हमले का दुनिया पर होने वाले आर्थिक असर का नकारात्मक प्रभाव भारत की अर्थव्यवस्था पर पड़ सकता है। जबकि चीन पर तत्काल इसका प्रभाव अपेक्षाकृत कम होगा। आईएमएफ के संचार विभाग के निदेशक गेरी राइस ने कहा, ”युद्ध के वैश्विक आर्थिक प्रभाव का विभिन्न माध्यमों से भारत की अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक असर पड़ने की आशंका है।”