नईदिल्ली I दिवंगत कांग्रेस नेता मोतीलाल वोरा के बेटे और कांग्रेसी विधायक अरुण वोरा ने राहुल गांधी द्वारा यंग इंडिया-एजेएल सौदे की जिम्मेदारी अपने पिता पर रखने की खबरों पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी मेरे पिता पर इस तरह के आरोप नहीं लगा सकते। अरुण वोरा ने मीडिया में आ रही खबरों को निराधार बताया। साथ ही कहा कि कांग्रेस नेतृत्व कभी गलत नहीं हो सकता।

नेशनल हेराल्ड मनी लॉन्ड्रिंग केस में राहुल गांधी से ईडी के अधिकारी तीन दिनों तक घंटों पूछताछ कर चुके हैं। अभी ईडी के अधिकारियों ने राहुल गांधी को शुक्रवार के दिन भी पेश होने को कहा है। राहुल ने ईडी से तीन दिनों के रेस्ट के साथ सोमवार तक पेश होने का आग्रह किया है लेकिन, ईडी की ओर से अभी कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है।

राहुल गांधी ने क्या कहा था
इस बीच सूत्रों के अनुसार, राहुल गांधी और ईडी के अधिकारियों के बीच पूछताछ को लेकर कुछ जानकारियां भी सामने आई हैं। जानकारी मिली है कि राहुल गांधी ने ईडी को बताया कि दिवंगत कांग्रेसी नेता मोतीलाल वोरा एजेएल और कांग्रेस द्वारा प्रचारित यंग इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के बीच सभी वित्तीय लेनदेन के लिए अधिकृत हस्ताक्षरकर्ता थे।

कांग्रेस नेतृत्व गलत नहीं हो सकताः अरुण वोरा
इस पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए मोतीलाल वोरा के बेटे अरुण वोरा ने कहा है, ”ये निराधार आरोप हैं। कांग्रेस नेतृत्व गलत नहीं हो सकता, न वोराजी।” अरुण वोरा ने आगे कहा, “राहुल जी मेरे पिता पर इस तरह के आरोप नहीं लगा सकते।”

सच्चाई की जीत होगी
सूत्रों ने कहा कि कांग्रेस के पवन बंसल और मल्लिकार्जुन खड़गे ने अपने बयान में ईडी को यह भी बताया कि सौदे का फैसला एक व्यक्ति ने नहीं लिया था और वोरा सभी वित्तीय लेनदेन के लिए अनिवार्य रूप से जिम्मेदार थे। इस पर अरुण वोरा ने कहा, “मैं पवन बंसल और खड़गे के वर्जन के बारे में नहीं जानता, लेकिन सच्चाई की हमेशा जीत होगी। सोनिया जी, राहुल जी और वोरा जी की जीत होगी।”

यंग इंडिया-एजेएल डील क्या है?
भाजपा नेता और अधिवक्ता सुब्रमण्यम स्वामी ने 2012 में एक निचली अदालत के समक्ष शिकायत दर्ज कराई थी जिसमें आरोप लगाया गया था कि यंग इंडिया लिमिटेड (वाईआईएल) द्वारा एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड के अधिग्रहण में कुछ कांग्रेस नेता धोखाधड़ी और विश्वासघात में शामिल थे। उन्होंने आरोप लगाया कि यंग इंडिया लिमिटेड ने नेशनल हेराल्ड की संपत्ति को ‘दुर्भावनापूर्ण’ तरीके से ‘कब्जा’ कर लिया था।

नेशनल हेराल्ड 1938 में अन्य स्वतंत्रता सेनानियों के साथ जवाहरलाल नेहरू द्वारा स्थापित एक अखबार था। अखबार एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) द्वारा प्रकाशित किया गया था। 2008 में, एजेएल 90 करोड़ रुपये से अधिक के कर्ज के साथ बंद हो गई।

सुब्रमण्यम स्वामी का दावा है कि यंग इंडिया लिमिटेड ने 2,000 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति और लाभ हासिल करने के लिए “दुर्भावनापूर्ण” तरीके से निष्क्रिय हो चुके अखबार नेशनल हेराल्ड की संपत्ति को “अधिग्रहित” किया।

मोतीलाल वोरा तब एआईसीसी के कोषाध्यक्ष थे और एजेएल मामलों में सक्रिय रूप से शामिल थे। उन्होंने जनवरी 2008 में एजेएल समूह के नेशनल हेराल्ड अखबार को बंद करने की घोषणा करने वाले समझौते पर भी सह-हस्ताक्षर किए थे।