नई दिल्ली। रूस के खिलाफ जंग में यूक्रेन तुर्की के खतरनाक लड़ाकू ड्रोन बेयरेकतार टीबी-2 का भी यूज कर रहा है। इस ड्रोन से यूक्रेन ने रूस की तेल से भरी पूरी ट्रेन उड़ा दी। ये ट्रेन रूस की सेना को ईंधन सप्लाई करने जा रही थी। यही नहीं, यूक्रेन मीडिया का दावा है कि इस ड्रोन सिस्टम से खार्कीव के पास रशियन आर्मी के एक पूरे कॉलम को तबाह कर दिया गया है, लेकिन सवाल यही है कि रूस के सामने ये खतरनाक लड़ाकू ड्रोन यूक्रेन का कितना साथ दे पाएगा?
बेयरेकतार- ये नाम अब सेनाओं में खौफ पैदा करता है। जब आसमान में उड़ रहे इस ड्रोन की आवाज नीचे दुश्मन सेनाओं तक पहुंचती है तो खलबली मच जाती है। सैनिक अपना साजो-सामान छोड़ भागने लगते हैं
।अर्मेनिया-अजरबैजान युद्ध में दिखाई काबिलियत
बीते साल अर्मेनिया-अजरबैजान के बीच नागार्नो-काराबाख युद्ध के दौरान तुर्की में बने इस लड़ाकू ड्रोन ने अर्मेनिया की सेना को ताश के पत्तों की तरह बिखेर दिया था। तीन दशकों से काराबाख पर काबिज अर्मेनिया की सेना पराजित हो गई और यहां फिर से अजरबैजान का कब्जा हो गया है।अब ये ड्रोन रूस-यूक्रेन युद्ध में तबाही मचा रहा है। यूक्रेन की सेना ने सार्वजनिक तौर पर इसके इस्तेमाल के फुटेज भी जारी कर दिए हैं। युद्ध क्षेत्र से मिल रही रिपोर्टें भी बता रही हैं कि यूक्रेन बेयरेकतार टीबी-2 का इस्तेमाल कर रहा है।यूक्रेन की सेना की तरफ से शनिवार को जारी बयान में कहा गया है कि बेयरेकतार ने रूस की तेल की एक पूरी ट्रेन को नष्ट कर दिया। ये रूस की सेना के लिए ईधन की आपूर्ति करने जा रही थी। यूक्रेन की मीडिया की रिपोर्टों को अगर सही माना जाए तो खार्कीव के पास भी इस ड्रोन ने रूस की सेना में भीषण तबाही मचाई है। रूस की सेना के एक पूरे कॉलम को इसने नष्ट कर दिया है।सोशल मीडिया पर ऐसे कई वीडियो हैं जिनमें यूक्रेन के सैनिक इसकी तारीफ कर रहे हैं, लेकिन पिछले साल युद्ध के दौरान अजरबैजान की सेना लगातार ड्रोन हमलों के फुटेज जारी कर रही थी और इससे अर्मेनिया की सेना में खौफ पैदा हो रहा था।यूक्रेन ने साल 2019 में तुर्की से ये ड्रोन खरीदने शुरू किए थे। यूक्रेन ने स्वीकार भी किया है कि वो इन ड्रोन का इस्तेमाल रूस की सेनाओं के खिलाफ कर रहा है। वहीं, रूस की समाचार एजेंसियों ने सेना के हवाले से कई टीबी-2 ड्रोन को मार गिराने का दावा किया है। सरकारी समाचार सेवा स्पुतनिक ने भी ऐसे दावे किए हैं। हालांकि, इस तरह के दावों के अधिकतर ट्वीट अब हटा लिए गए हैं।लेकिन रूस का मामला कुछ अलग ही है
अर्मेनिया के मुकाबले रूस की सेना काफी उन्नत है और उसके पास एडवांस मिलिट्री टेक्नोलॉजी है। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या ये ड्रोन रूस के खिलाफ भी उतना ही कारगर साबित हो सकता है?
सेंटर फॉर स्ट्रेटेजिक एंड इंटरनेशनल रिलेशन स्टडीज के वरिष्ठ सलाहकार मार्क कैनकियन ने हाल ही में एक लेख में कहा था कि रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध में आज के दौर की लड़ाई में जमीन पर टैंकों की क्षमता की भी परीक्षा होगी।काराबाख की लड़ाई के बाद रक्षा विश्लेषकों ने टैंकों की क्षमता पर गंभीर सवाल खड़े किए थे। तुर्की में बने बेयरेकतार ड्रोन ने अर्मेनिया के टैंकों को ताश के पत्तों की तरह बिखेर दिया था और ये निष्प्रभावी साबित हुए थे।क्या रूस को रोक पाएंगे ये ड्रोन
रूस के पास करीब 2,840 टैंक हैं और रूस यूक्रेन में भारी तादाद में इन्हें तैनात कर रहा है। अब सवाल ये है कि क्या बेयरेकतार इन टैंकों को आगे बढ़ने से रोक पाएंगे। रूस के सैन्य विश्लेषक ये दावा कर चुके हैं कि बेयरेकतार रूस के सामने बहुत प्रभावी साबित नहीं होंगे क्योंकि रूस की सेना के पास एडवांस रडार सिस्टम हैं जो इनके आसमान में होने की चेतावनी पहले ही दे सकते हैं।रूस की सेना का एक और मजबूत पक्ष ये है कि उसकी साइबर क्षमता बहुत ज्यादा है। यदि रूस ने साइबर हमलों के दम पर बेयरेकतार को रोक दिया तो ये भी उसकी निर्णायक बढ़त साबित हो सकती है।सैन्य विश्लेषक मानते हैं कि रूस ने सीरिया और काराबाख युद्ध के दौरान बेयरेकतार ड्रोन के प्रभावों का अध्ययन किया है और इनके खिलाफ कोई रणनीति जरूर तैयार की होगी। दुनियाभर में संघर्षों पर नजर रखने वाले सैन्य विश्लेषक फरान जैफरी कहते हैं, “टीबी-2 अजरबैजान-अर्मेनिया युद्ध में बेहद कामयाब रहा था, लेकिन मुझे नहीं लगता कि रूस के सामने ये इतना ही असरदार साबित होगा।”जैफरी कहते हैं, “हमने अभी तक यूक्रेन में रूस के खिलाफ टीबी-2 के इस्तेमाल के वीडियो नहीं देखे हैं। हो सकता है कि यूक्रेन के रक्षा बल जानबूझकर ये वीडियो साझा न कर रहे हैं क्योंकि हो सकता है कि वो रूस के ऊपर बढ़त बरकरार रखना चाहते हों।”जैफरी कहते हैं, “यूक्रेन सेना के टीबी-2 ने रूस की सेना को भारी नुकसान पहुंचाया है, लेकिन जितना असर अर्मेनिया के खिलाफ हुआ था अभी उतना असर नहीं हो रहा है, लेकिन ये भी एक तथ्य है कि युद्ध को चार दिन हो चुके हैं और इन ड्रोन की वजह से अभी रूस यूक्रेन के आसमान पर नियंत्रण नहीं कर सका है।”यूक्रेन के पास ऐसे ड्रोन की तादाद भी कम है
यूक्रेन के पास कितने बेयरेकतार ड्रोन हैं ये अभी स्पष्ट नहीं है, लेकिन जुलाई 2019 में यूक्रेन ने 6 ड्रोन खरीदने का सौदा किया था, इसके बाद 24 ड्रोन खरीदने का सौदा और हुआ था। यूक्रेन ने तुर्की के साथ इन ड्रोन के यूक्रेन में निर्माण को लेकर भी समझौता किया है। सैन्य विश्लेषक ये मानते हैं कि इस समय यूक्रेन के पास ऐसे 20 ड्रोन हो सकते हैं। हालांकि, ये संख्या स्पष्ट नहीं है।