नईदिल्ली I रूस-यूक्रेन जंग के बीच दुनिया कई संकटों से जूझ रही है। सिर्फ सैन्य सुरक्षा एक मुद्दा नहीं है। कच्चे तेल और गैस के दाम भी तेजी से बढ़ रहे हैं। इस बीच एक और बड़ा संकट दुनिया के सामने मुंह फैला रहा है। दरअसल, कोरोना महामारी से उबर रहे विश्व के सामने अब खाद्य सुरक्षा का भी संकट खड़ा हो गया है। दुनिया की तकरीबन 2.5 अरब आबादी पर इस समय भुखमरी की कगार पर है। अनाज की कमी ने विशेष रूप से अफ्रीका को भुखमरी और कुपोषण के मुहाने पर लाकर खड़ा कर दिया है।
संयुक्त राष्ट्र दे रहा चेतावनी
संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि आने वाले महीनों में ये स्थिति और भी भयावह हो जाएगी। लेकिन उसकी चेतावनी का कोई असर नहीं हो रहा है। यूक्रेन पर रूस द्वारा हमला किए जाने के कारण पश्चिमी देशों ने रूस पर तमाम तरह के प्रतिबंध लगा रखे हैं, जिसके कारण रूस का गेहूं वैश्विक बाजारों में नहीं पहुंच रहा है। जिसके कारण भी ये समस्या तेजी से बढ़ रही है। वहीं, दोनों देशों के बीच चल रही जंग हाल-फिलहाल किसी अंतिम निर्णय पर पहुंचती नहीं दिख रही। दुनिया के सबसे बड़े गेंहूं निर्यातक देश रूस ने पश्चिमी देशों से लगाए गए प्रतिबंधों का आग्रह किया है, ताकि अनाज वैश्विक बाजारों में निर्बाध रूप से पहुंच सके।
अमेरिका लगा रहा रूस पर आरोप
प्रतिबंध हटाने के बजाय अमेरिका रूस पर यूक्रेन का गेंहू चुराने का आरोप लगा रहा है। रूस-यूक्रेन दोनों मिलकर आम तौर पर वैश्विक गेहूं निर्यात का लगभग एक तिहाई निर्यात करते हैं। संयुक्त राष्ट्र के आंकड़ों के मुताबिक, अफ्रीकी देशों ने 2018 और 2020 के बीच रूस और यूक्रेन से अपने गेहूं का 44 प्रतिशत आयात किया। अफ्रीकी विकास बैंक के आंकड़ों के अनुसार, गेहूं आपूर्ति में व्यवधान के कारण गेहूं की कीमतें लगभग 45 प्रतिशत बढ़ गई हैं।
भारत की ओर दुनिया की निगाहें
यूरोप, पश्चिम एशिया और उत्तरी अफ्रीका के दर्जनों देश अनाज के संकट से जूझ रहे हैं। इस समय भारत मददगार के रूप में उभरकर सामने आया है जो आज दुनिया को अनाज निर्यात कर रहा है। श्रीलंका को मानवीयता के आधार पर भारत अनाज की दो खेप मुफ्त दे चुका है। हालांकि भारत ने गेहूं के निर्यात पर फिलहाल प्रतिबंध लगा दिया है। सरकार द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों से अमेरिका और यूरोपीय देश परेशान हैं। हालांकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भूखमरी से लड़ रहे देशों के अनुरोध पर गेहूं के आपातकालीन शिपमेंट की आपूर्ति करने का वादा किया है।
हाल ही में विश्व खाद्य सुरक्षा समिति के प्रमुख ग्रेबियल फरेरो ने चेतावनी जारी की थी। उन्होंने कहा था कि कोरोना महामारी ने पहले से ही दुनिया के सामने बड़ा संकट खड़ा कर दिया है। भुखमरी पहले से ही बढ़ रही है। ऐसे में अब दो प्रमुख देशों के बीच युद्ध ने एक बार फिर से इसमें इजाफा कर दिया है। उन्होंने बताया था कि महामारी से पहले की तुलना में वर्तमान में 16.1 करोड़ ज्यादा लोग भुखमरी से पीड़ित हैं। इस समय इनकी संख्या 82.1 करोड़ के करीब है।