पंचशील कौशल सेवा संस्थान कोरबा के प्रदेश अध्यक्ष ने दी                                                       विश्वस्त जानकारी – संपादक पंचशील जनमत

12.02.15 में पंचशील कौशल सेवा संस्थान के तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष ने आरटीआई पत्र के माध्यम से छत्तीसगढ़ विद्युत वितरण कंपनी से महत्वपूर्ण सूचना प्राप्त करके संस्था के मुख्य उद्देश्य खण्ड 6 के अनुसार – लोगों के दोषपूर्ण कार्यप्रणाली (देश-प्रदेश में बढ़ते अपराधिक गतिविधियों) को रोकने का मुहिम छेड़ा है। -;

कार्यपालन अभियंता नगर (संभाग) छ.ग. राज्य विद्युत वितरण कं. मर्यादित तुलसी नगर कोरबा को आरटीआई पत्र लिखकर उनसे प्राप्त जानकारी के अनुसार-

दिनांक 1 से 31 जनवरी 2013 के बीच राज्य विद्युत वितरण कं. मर्यादित पोड़ीमार एवं तुलसी नगर कोरबा जोन के सहायक यंत्री एवं अभियंता पाड़ीमार द्वारा कोरबा में पोड़ीमार जोन के उपभोक्ताओं के विद्युत मीटर जांच में मिले अवैध रुप से विद्युत उपयोग करने वाले विद्युत उपभोक्ताओं का उनके कार्यालय में दर्ज सूची एवं उनके विरुद्ध हुए विभागीय कार्यवाही जिसमें (उपभोक्ता के विरुद्ध शिकायत, उनके लाइन विच्छेदन, लाइन संयोजन , आपराधिक प्रकरण, दण्डात्मक बिल वसुली के संबंध में दर्ज किए गए लिखित जानकारी को आरटीआई 2005 के तहत प्राप्त है।

विभागीय संबंधित जांच अधिकारी तुलसी नगर जोन के तत्कालीन सहायक अभियंता ने 05.03.15 को श्रीमती सुनन्दा देवी पंचशील कौशल सेवा संस्थान प्रदेश अध्यक्ष को दिए सूचना के अधिकार/953 पत्र में अधो- हस्ताक्षरकर्ता (ए.ई.) द्वारा पोड़ीमार जोन में किए जांच दिनांक 01.01.2013 से 31.01.2013 के बीच का कार्यवाही दस्तावेज संबंधित जोन में दे दी गई है कहा, तुलसी नगर एई. ने पोड़ीमार जोन को दे दिया है।

यह कि संस्था के उद्देश्य खण्ड 6 के तहत लोगों के दोषपूर्ण कार्य प्रणाली पर अंकुश लगाने शासन के सहयोग से प्रशासनिक मार्गदर्शन में लोगों के बीच सच्चाई को सामने लाने एवं संकल्प अभियान चलाकर लोगों को खुशहाल एवं समृद्ध बनाने में संस्था सहायक रूप से कार्य कर रही है।

उपभोक्ता मामले के न्यायिक मंच ने जब जिला फोरम में दर्ज एक परिवाद प्रकरण 14/02 के पारित आदेश दिनांक 11.11.2014 से ज्ञात हुआ।

पारित आदेश में उक्त फोरम के संविधान विरोधी व्याख्या ने राष्ट्रहित के कार्य को बाधित करने कृत किया।

कार्य पालिका और अधीनस्थ न्यायालय ने संवैधानिक पद और शक्ति का लगातार दुरुपयोग किया। और पंचशील कौशल सेवा संस्थान के राष्ट्रहित के कार्यों को लगातार आगे भी 06.11.2015 से वर्तमान तक पूरी तरह से रोकने का प्रयास किया। दुष्परिणाम विगत 9 वर्षों से देखने को मिला, इससे देश की जनता बेहाल है।

उनके आदेश ने और उसने देश के संविधान पर भी प्रश्नचिन्ह लगाया है।

सूचना के अधिकार हेतु शासकीय शुल्क के लिए स्टाम्प, सोसायटी के रजिस्ट्री प्रमाण पत्र की छायाप्रति सहित सोसायटी के रजिस्ट्रीकरण के लिए प्रेषित 23 कंडिका में ज्ञापित उद्देश्यों के सत्यापित ज्ञापन छायाप्रति संलग्न करते हुए तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष ने जानकारी हासिल की है।

जानकारी में – 1. सहायक यंत्री पोड़ीमार जोन (वितरण) द्वारा पोड़ीमार जोन में किए कार्यवाही,
2. सहायक अभियंता छ.ग. राज्य विद्युत वितरण मर्यादित तुलसीनगर द्वारा 01/01 से 31/01/13 के बीच में किए गए सभी जांच कार्यवाही का सत्यापित प्रति।
छ.ग. राज्य विद्युत वितरण कंपनी के कार्यपालन अभियंता कोरबा, ने पंचशील कौशल सेवा संस्थान के प्रदेश अध्यक्ष को 11.03.15 को प्रदान किया गया है।

इस महत्वपूर्ण जानकारी जिला फोरम कोरबा में परिवाद सी सी/14/0 2/2014 में उन्होंने एवं छत्तीसगढ़ राज्य उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग के द्वारा अपीलकर्ता उक्त परिवाद और अपील को निरस्त कर देने के बाद प्राप्त किया गया था।

उस आरटीआई पत्र और प्राप्त जानकारी अनुसार नारायण प्रसाद के विरुद्ध विद्युत वितरण कंपनी ने कोई भी वैधानिक कार्यवाही नहीं किया है। जिससे उनके परिसर के बिजली जांच में इस परिवार को बिजली चोरी का कोई काला कानून छू सके।

यह जानकारी राष्ट्रीय आयोग दिल्ली में अपील आरपी/1352/2015 और 2022 में राष्ट्रीय आयोग के समक्ष पेश समीक्षा आवेदन आर.ए./108 में भी किया था। 16.02.2022 के पारित आदेश के छायाप्रति और उपरोक्त लिखित तथ्य को संलग्न किया था उसे सार्वजनिक करते हुए एक विशेष ज्ञापन पत्र को विभिन्न लोकप्रिय समाचार पत्रों में प्रकाशित करने हेतु भेजकर – पंचशील कौशल सेवा संस्थान प्रदेश अध्यक्ष ने राष्ट्रीय हित का मुद्दा उठाया है।

क्योंकि उपभोक्ता मामले के उच्चस्थ अधिनस्थ न्यायालयों ने उसे अनदेखी कर 02.06.2022 को राष्ट्रीय आयोग के अध्यक्ष सहित 5 जजों के पेनल ने निरस्त करने में रूचि लिए।

साथ ही साथ वह सूचीपत्र भी संलग्न किया था जिसमें कि सुनंदा देवी (पंचशील कौशल सेवा संस्थान प्रदेश अध्यक्ष) को विद्युत कंपनी ने आरटी आई के तहत 11.03.15 में दिए थे,

जिसमें अपीलकर्ता नारायण प्रसाद केशरवानी के निवास परिसर के विद्युत मीटर 1002074900 के उक्त दिनांक 01.01.13 से 31/01/13 के बीच 07.01.2013 में किए जांच को एवं विभागीय तथाकथित दिनांक 09.01.2013 को विद्युत कंपनी के द्वारा किए और उपभोक्ता मामले के न्यायालय द्वारा स्वीकार परिभाषित (“तथाकथित जांच” के रुप में मौजूद)
न्यायिक मंच ने माना और नारायण प्रसाद केशरवानी के विद्युत जांच में बिजली चोर माना “नहीं लिखा गया”,

उसका अर्थ -; सुनंदा देवी के विद्युत कंपनी को प्रेषित आरटीआई पत्र के अनुसार दिनांक 1 से 31 जनवरी 2013 के बीच हुए विद्युत वितरण कं. मर्यादित पोड़ीमार एवं तुलसी नगर कोरबा जोन के सहायक यंत्री एवं अभियंता पोड़ीमार द्वारा पोड़ीमार जोन के उपभोक्ताओं के विद्युत मीटर जांच के कार्यवाही में (उपभोक्ता नारायण प्रसाद के खिलाफ कोई शिकायत या आपराधिक प्रकरण, दण्डात्मक बिल वसुली) के संबंध में उक्त दिनांक के बीच कोई भी वैधानिक चेतावनी या दंडात्मक कार्यवाही नहीं किया गया है, विद्युत कंपनी ने स्पष्ट रूप में स्वीकार किया है।

दिनांक 01.01.203 से 31.01.2013 के बीच हुए विद्युत जांच का सहायक अभियंता पोड़ीमार जोन अमीत कुमार द्वारा हस्ताक्षरित पत्र की सूची पंचशील कौशल सेवा संस्थान, कोरबा के तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष को 11.03.15 में विद्युत कंपनी ने दिए थे, उसे संलग्न करते हुए सुनन्दा देवी के साथ ही साथ वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष ने कहा है कि यह मामला प्रकाश में आने के बाद देश एवं राज्य के सरकार के साथ ही साथ न्याय के सर्वोच्च संरक्षक संस्था अर्थात सर्वश्रेष्ठ सर्वोच्च न्यायालय के पास उपभोक्ता हित में बने मामले को स्वयं उपभोक्ता ले जाए उसके पहले ही राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए जुड़े मामले के रूप में पंचशील कौशल सेवा संस्थान के वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष ने राष्ट्रीय मुद्दा बनाया है।

ज्ञापित समाचार में देश के सर्वोच्च नागरिक सुरक्षा एवं संविधान संरक्षकों को उचित न्याय के लिए आवश्यक संशोधित संवैधानिक विकल्प देने की आवश्यक मांग उठाया है।

मांग में नारायण प्रसाद केशरवानी बनाम छत्तीसगढ़ विद्युत वितरण कंपनी के विभिन्न प्रकरणों पर हमारी देश के सर्वोच्च संस्था स्वयं संज्ञान ले और वर्तमान संवैधानिक सम्मान को अपमानित होने से बचाने के लिए दोषियों को दण्डित करे।

सर्वोच्च सदन नारायण प्रसाद केशरवानी बनाम छत्तीसगढ़ विद्युत वितरण कंपनी के प्रकरण में चाहे उपभोक्ता को ही दोषी मानें अन्यथा उक्त कार्यवाही में शामिल कार्यपालिका और न्यायपालिका को ही दोषी क्यों न मानी जाए उनके द्वारा किए किए गए संबंधित संविधान विरोधी गलती पर उसे दण्डित करे,

प्रदेश अध्यक्ष ने देश के संवैधानिक वैधता को अवैधानिक कृत करने वाले ताकतों के चुनौती पूर्ण अवैधानिक कार्यवाही पर रोक लगाने और 135 करोड़ देशवासियों के मौलिक अधिकारों को कुचलने वाले कृतित्व अनैतिकता के कूटरचित कोशिश को नाकाम करके संविधान की गरिमा को बरकरार रखने मांग उठाया है।

देश के सर्व संबंधित संविधान प्रेमियों को यह ज्ञापन पत्र प्रेषित करते हुए संस्था प्रमुख ने आग्रह किया है।

और अन्य सभी-
प्रतिष्ठित समाचार पत्र, वेबसाइट, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया और सार्वजनिक रूप से स्वीकार प्रचारित, प्रसारित संसाधनों में प्राथमिकता से प्रकाशित करने व संबंधित संविधान की गरिमा को बनाए रखने हेतु आग्रह किया है।

इसमें प्रमाणित जरूरी जानकारी पत्र को संलग्न किया है ताकि कोई भी शंका किसी को न रहे स्पष्ट किया है, और इस संस्था ने उपभोक्ता मामले के न्यायालय के गैर जिम्मेदारों न्यायिक जजों के खिलाफ वृहद मुहिम छेड़ कर नारायण प्रसाद केशरवानी बनाम छत्तीसगढ़ विद्युत वितरण कंपनी के पारित आदेश को जिसे कि उन जजों ने तथ्य के विपरित परिभाषित करते हुए निरस्त किया है,
उसे
सार्वजनिक करते हुए सर्वोच्च न्यायालय एवं देश की सरकार द्वारा हस्तक्षेप कर सत्यापित तथ्यों के आधार पर न्याय निर्धारण करने अन्य समाचार पत्रों को ज्ञापन देकर एक तरह से राष्ट्रीय पटल पर लाकर उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग के प्रभाव पर ही मुश्किल खड़ा किया है।

संबंधित मामले में किसी भी तरह की किसी को शंका न रहे, संस्था प्रमुख ने दावा किया है,
1. उपभोक्ता मामले के फैसले को आने वाले समय में देशवासियों के सामने पलटी करना ही होगा या
2. उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम कानून को उचित सम्मान दिलाने सरकार और सुप्रीम कोर्ट को संशोधित करने होंगे।
3. अन्यथा उपभोक्ता मामले के न्यायिक मंच को ही समाप्त करने वाले प्रक्रिया शुरू करनी होगी।

इस महत्वपूर्ण मामले की पूरी कहानी लोगों को जानने हेतु संपर्क करने और जनता के बीच साझा करने – स्वयं सेवी संस्था प्रमुख ने अपने मो. 7987940161, 9827940161 नंबर जारी करते हुए देश भर के जनता से सुझाव मांगे हैं। जिसके लिए ईमेल;
newsdesk411@gmail.com,
panchsheekss@gmail.com

प्रदेश अध्यक्ष
पंचशील कौशल सेवा संस्थान, कोरबा, छत्तीसगढ़

नोट; उपभोक्ता संरक्षण और उनके अधिकार के लिए जनहित में जारी।