कोई साधन नहीं मिला तो घर वाले आधे किलोमीटर तक स्ट्रेचर पर ले गए शव, बाद में एंबुलेंस गई ताकि स्ट्रेचर वापस ले जा सके…
रायपुर/ बदइंतजामी और संवेदनहीनता की पराकाष्ठा देखनी हो तो रायपुर की यह तस्वीर देख लीजिए। यहां मौत के बाद पॉजिटिव और निगेटिव के झगड़े में पहले तो अस्पताल और परिजनों के बीच शव की सुपुर्दगी को लेकर झगड़ा हुआ। जब अस्पताल ने एंबुलेंस नहीं दी तो परिजन खुद ही स्ट्रेचर पर शव लेकर निकल पड़े। बाद में अस्पताल ने एंबुलेंस भेजी भी तो अपना स्ट्रेचर वापस लाने के लिए। यह मामला रायपुर के अंबेडकर अस्पताल का है।
रायपुर के अंबेडकर अस्पताल में 55 साल की एक महिला की मौत के बाद शव ले जाने के लिए काफी देर तक कोई साधन नहीं मिला। परेशान परिजन स्ट्रेचर पर ही शव को लेकर निकल पड़े। अंबेडकर अस्पताल से शास्त्री चौक तक ये शव इसी तरह स्ट्रेचर के चक्कों की गड़गड़ाहट भरी आवाज के साथ ले जाया जाता रहा। शाम का वक्त था, लॉकडाउन झेल रहे रायपुर की खाली सड़क पर कुछ लोग दवा और अस्पताल की आपा-धापी में बाहर निकले हुए थे। जिसने भी स्ट्रेचर धकेलती औरतों को देखा, हैरान रह गया। इस तरह शव को ले जाते देखने वालों के चेहरों पर कोई भाव ही नहीं बचा, हर कोई स्तब्ध था।
लाश रखने को लेकर हुआ था विवाद
ये पूरा वाकया सोमवार का है। सोशल मीडिया पर मंगलवार को इसका वीडियो सामने आया है। मृत महिला का नाम नर्मदा बहाहुद था। पिछले कुछ दिनों से ये कोविड आइसोलेशन वार्ड में इलाज करवा रहीं थी। पहले हुए एंटीजन टेस्ट निगेटिव आने के बाद एक दिन पहले घर वालों ने RTPCR टेस्ट करवाया था। रिपोर्ट नहीं आई और इधर नर्मदा की मौत हो गई। अब अस्पताल के लोग कहने लगे कि शव हमारी कस्टडी में रहेगा, कोविड प्रोटोकॉल के तहत। घर वालों ने बोला कि जब रिपोर्ट निगेटिव आई है और दूसरी रिपोर्ट का कोई अता-पता नहीं तो वहां शव रखने के लिए क्यों दबाव बनाया जा रहा है।
हंगामा बढ़ा तो मौके पर मौदहापारा थाने की पुलिस भी पहुंची। काफी देर परिजन शव ले जाने के लिए परेशान होते रहे। जब कोई रास्ता नहीं सूझा तो स्ट्रेचर पर पार्थिव देह लेकर निकल गए। आखिरकार शास्त्री चौक पर एक कार की मदद से अंतिम संस्कार के लिए शव को ले जाया गया। घर वालों ने स्ट्रेचर वहीं छोड़ दिया। कुछ देर बाद स्ट्रेचर की चिंता अस्पताल को हुई, इसलिए एंबुलेंस भेजकर उसे हटवाया गया।