गतिज-ऊर्जा, स्थीतिज -ऊर्जा, पवन-ऊर्जा और सौर-ऊर्जा सभी का अलग-अलग स्वरूप एवं महत्व  के बारे में आपने देखा, पढ़ा और सुना है।
किसी भी कार्य को गति देने के लिए उर्जा अति आवश्यक है।
लोगों के आन्तरिक एवं वाह्य भाग को गतिशील बनाने में नव-ऊर्जा  हर एक क्षेत्र में प्रत्येक समाज के लिए महती भूमिका निभा रही है।
आप सभी लोगों के विश्वास के अनुरूप हो रहे नव-ऊर्जा के महत्वपूर्ण कार्यों का आंकलन करने लोग स्वतंत्र है, इस पर टिप्पणी नहीं करूंगा।
मेरा अनुभव गलत न हो तो मेरे विचार से लोग अगर-मगर / किन्तु- परन्तु के बीच उलझकर रह गये हैं, स्वयं के छवियों में निखार लाने के अवसर एवं वर्तमान समय की कीमत को पहचानने में विलम्ब किए जाने से सामाजिक सुधार की दिशा में कमियां दिख रही है।
समय कभी स्थिर नहीं रह सकता,  समय की मांग है समाज में गरीब- अमीर का भेद मिटाना आवश्यक है, हमारी कोशिश है कि आप सभी के विश्वास में खरा उतरने नव-ऊर्जा ऐसी जरूरी योजनाओं को पूरे शिद्दत से लोगों के बीच रखता रहेगा।
समाज के आर्थिक उत्थान के लिए सामाजिक और राजनैतिक सुचिता लाने में नव-ऊर्जा तत्पर रहकर लोगों के उचित मार्गदर्शन को प्राथमिकता से रखने का कार्य कर रही है।
अब सोचना व समझना उसे होगा जो द्वंद की स्थिति में सामाजिक गाड़ी के पहिए को आज तक घूमाने में एंकर की भूमिका निभाने के काबिल होते हुए भी बहुत पीछे हैं।
वर्तमान में आप सोए हुए प्रबुद्ध जनों को सचेतक बनकर आगे आने एवं सक्षम सामाजिक नीति निर्धारकों को प्रेरित करने की जरूरत है।
-नारायण प्रसाद केशरवानी कोरबा