रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पूर्व प्रधानमंत्री भारतरत्न स्वर्गीय राजीव गांधी जी की जयंती 20 अगस्त के मौके पर धान एवं गन्ना उत्पादक राज्य के करीब 21 लाख किसानों को राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत 1522 करोड़ रूपए का भुगतान सीधे उनके बैंक खातों में वितरण किया. मुख्यमंत्री इस अवसर पर गोधन न्याय योजना के अंतर्गत पशुपालकों से क्रय किए गए गोबर तथा गौठान समितियों एवं महिला स्व-सहायता समूहों को 3 करोड़ 49 लाख रूपए की राशि का भी ऑनलाईन अंतरण किया. किसानों एवं पशुपालकों को ऑनलाईन राशि अंतरण का यह कार्यक्रम दोपहर एक बजे से मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में किया जा रहा है. इस अवसर पर राजीव आश्रय योजना के तहत हितग्राहियों को पट्टा वितरण भी किया.
राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत द्वितीय किश्त के रूप में 1522 करोड़ 3 लाख रूपए का भुगतान धान एवं गन्ना कृषकों को किया गया. इस मौके पर कृषि मंत्री रविंद्र चौबे, वन मंत्री मोहम्मद अकबर, स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ प्रेम साय सिंह टेकाम, नगरीय प्रशासन मंत्री शिवकुमार डहरिया, महिला एवं बाल विकास मंत्री अनिला भेंड़िया, राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री रूद्र गुरू मौजूद रहे.
वहीं इस अवसर पर प्रदेश कांग्रेस प्रभारी पीएल पुनिया ने कहा कि मुख्यमंत्री ने निरंतर अच्छा काम किया है. मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन और पहल से राजीव भवनों का निर्माण हो रहा है. राज्य सरकार के निर्णय, नीतियों से कांग्रेस कार्यकर्ताओं का विश्वास बढ़ा है. यह काम मुख्यमंत्री के समर्थन और सहयोग के बिना संभव नहीं होता है.
गौरतलब है कि राज्य में किसानों को उनकी उपज का वाजिब मूल्य दिलाने, खरीफ फसलों की उत्पादकता एवं फसल विविधिकरण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से राजीव गांधी किसान न्याय योजना वर्ष 2020 में लागू की गई, लेकिन भूतलक्षी प्रभाव से इसका लाभ खरीफ विपणन वर्ष 2019-20 में समर्थन मूल्य पर धान बेचने वाले किसान भाईयों को दिए जाने का प्रावधान किया गया और 5628 करोड़ रूपए किसानों को दिए गए.
इस साल भी राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत किसानों को आदान सहायता दिए जाने का सिलसिला जारी है और 20 अगस्त 2021 को द्वितीय किश्त के राशि रूप में 1522 करोड़ 3 लाख रूपए का भुगतान धान एवं गन्ना कृषकों को किया गया.
राजीव गांधी किसान न्याय योजना राशि के जरिए राज्य में खेती-किसानी को प्रोत्साहन मिला है. बीते ढाई सालों में किसानों की संख्या 15 लाख से बढ़कर 22 लाख और धान की खेती का रकबा 22 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 27 लाख हेक्टेयर से अधिक हो गया है. खेती से विमुख हो चुके लोग भी फिर से खेती से जुड़ने लगे हैं.
छत्तीसगढ़ शासन की गोधन न्याय योजना के तहत गौठानों में गोबर बेचने वाले पशुपालकों, ग्रामीणों को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल 26वीं किश्त के रूप में 20 अगस्त को एक करोड़ रूपए, स्व-सहायता समूहों को लाभांश के रूप में एक करोड़ 3 लाख रूपए तथा गौठान समितियों को एक करोड़ 46 लाख रूपए इस प्रकार कुल 3 करोड़ 49 लाख रूपए का भुगतान किया. 20 जुलाई 2020 से राज्य में प्रारंभ हुई गोधन न्याय योजना के तहत अब तक 99 करोड़ 8 लाख रूपए की गोबर की खरीदी हुई है. यह राशि गोबर विक्रेता, पशुपालकों, ग्रामीणों ने अधिकांशतः पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग के लोग शामिल हैं.
लाभान्वित गोबर विक्रेताओं में लगभग 45 प्रतिशत महिलाएं हैं. लाभान्वितों में 78 हजार से ज्यादा लोग भूमिहीन परिवार से ताल्लुक रखने वाले हैं के खाते में सीधे अंतरित की गई है. गौठानों से जुड़े स्व-सहायता समूहों को लाभांश के रूप में अब तक 18 करोड़ 49 लाख रूपए एवं गौठान समितियों को 26 करोड़ 75 लाख रूपए का भुगतान किया गया है.