नईदिल्ली I हरियाणा में 19 जून को नगर निगम चुनाव होंगे। इसमें 28 नगरपालिकाओं और 18 नगरपरिषदों के लिए वोट डाले जाएंगे। इसके लिए भाजपा और कांग्रेस ने अपनी पूरी ताकत झोंक रखी है। बीजेपी मनोहरलाल खट्टर सरकार के कामकाज के भरोसे है तो सेना में भर्ती और युवाओं में बेरोजगारी उसके लिए समस्या बन सकती है। कांग्रेस ने अपने दिग्गज नेता भूपिंदर सिंह हूडा के हाथों में कमान सौंप रखी है। लेकिन पंजाब जीत के बाद हरियाणा में भी अपने हाथ-पांव मारती आम आदमी पार्टी कांग्रेस के लिए खतरा साबित हो सकती है। विधानसभा चुनाव से लगभग दो साल पहले हो रहे निगम चुनावों को सेमीफाइनल की तरह देखा जा रहा है।
मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर भी जान रहे हैं कि यह नगर निगम चुनाव उनकी लोकप्रियता का टेस्ट होंगे। इसी के आधार पर उनका भविष्य तय होगा। यदि वे इस चुनाव में सफल रहते हैं तो आगे उनका रास्ता साफ रह सकता है, लेकिन असफल रहने पर भाजपा हरियाणा में भी चुनाव से पहले मुख्यमंत्री बदलने का फॉर्मूला अपना सकती है। लिहाजा उन्होंने निगम चुनाव में पूरी ताकत झोंक रखी है। वे लगातार विभिन्न कार्यों का उद्घाटन कर रहे हैं।
प्राइवेट बहुराष्ट्रीय कंपनियों में राज्य के स्थानीय युवाओं के लिए आरक्षण देने को मुद्दा बनाकर उन्होंने लोगों को अपनी ओर खींचा है। सिरसा में ‘प्रगति रैली’ कर खट्टर ने युवाओं को ही अपने साथ जोड़ने की कोशिश की है क्योंकि उन्हें पता है कि सत्ता की चाबी इन्हीं युवाओं के भरोसे निकल सकती है, लेकिन दो साल से रूकी सेना भर्ती अब राज्य में बड़ा मुद्दा बन चुकी है। सेना में भर्तियां खुलने की राह दिखाई पड़ रही है, लेकिन भर्तियों में होने जा रहे बदलावों को लेकर युवाओं के मन में भ्रम है। किसान आंदोलन के कारण प्रभावित रहे हरियाणा में किसानों-युवाओं का गुस्सा उस पर भारी पड़ सकता है।
हूडा की दावेदारी मजबूत
हरियाणा में सत्ता वापसी के लिए पूरजोर कोशिश कर रही कांग्रेस निगम चुनावों से ही अपनी दावेदारी मजबूत करना चाहती है। उसके दिग्गज नेता भूपिंदर सिंह हूडा भी अपनी ताकत दिखाने के लिए पूरे जी-जान से चुनाव में डट गए हैं। वे निगम चुनाव में बेहतर प्रदर्शन कर अगले चुनाव के लिए अपनी मजबूत दावेदारी ठोंकने की कोशिश करेंगे। हूडा ने रविवार को फतेहाबाद में रैली करते हुए कहा कि हरियाणा में कांग्रेस ही विकल्प हो सकती है। उन्होंने प्रदेश में किसी दूसरी पार्टी (आम आदमी पार्टी) की जगह होने की बात को सिरे से खारिज कर दिया।
कांग्रेस के बागी बनेंगे आम आदमी पार्टी की ताकत
राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि पंजाब विधानसभा चुनावों का असर हरियाणा में भी दिखाई पड़ेगा। आम आदमी पार्टी को यहां भी कांग्रेस की अंदरूनी कलह का लाभ मिल सकता है। कांग्रेस के बागी नेता अशोक तंवर यहां पार्टी को बड़ा नुकसान पहुंचा सकते हैं। उनके समर्थक लगातार आम आदमी पार्टी में जुड़ रहे हैं। वे राज्य में कांग्रेस की कमान भूपिंदर सिंह हूडा के हाथ में देने से नाराज हैं। पंजाब-दिल्ली में लोगों को मिल रही योजनाओं का लाभ भी एक वर्ग को केजरीवाल के साथ खड़ा कर सकता है। इससे आम आदमी पार्टी को हरियाणा में पांव जमाने का अवसर मिल सकता है।
दिखाया दिल्ली मॉडल
अरविंद केजरीवाल ने रविवार को हरियाणा के कुरुक्षेत्र में एक चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए खट्टर सरकार पर जमकर हमला बोला। उन्होंने यहां भी दिल्ली मॉडल को भुनाने की कोशिश की और कहा कि यदि उन्हें अवसर मिलता है तो वे हरियाणा के स्कूलों में बड़ा परिवर्तन कर देंगे। केजरीवाल ने दिल्ली के स्कूलों को हरियाणा से बेहतर बताया और कहा कि उन्हें केवल काम करना आता है।
उन्होंने कहा कि दूसरी सरकारें भ्रष्टाचार करती हैं, जबकि उनकी सरकार में जब-जब किसी मंत्री के विरुद्ध भ्रष्टाचार का मामला सामने आया, उसे मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दिया गया। उन्होंने सत्तारूढ़ दल पर हमला बोलते हुए कहा कि भाजपा मनोहरलाल खट्टर को बदलने जा रही है क्योंकि उसे लगता है कि वह उनके नाम पर 2024 में विधानसभा चुनाव नहीं जीत सकती।