नई दिल्ली. अपना देश इन दिनों Corona के दूसरी लहर की महामारी के प्रकोप से पीड़ित है. पूरे देश में हाहाकार की स्थिति है. कुछ समय पहले यही हालात दुनिया के बाकी विकसित देशों में भी थी. लेकिन उन्होंने एक योजनाबद्ध तरीके से एक काम किया, जिससे कोरोना मरीजों की संख्या कम हो गई.
इन देशों में ब्रिटेन, स्पेन, अमेरिका, इजराइल, इटली समेत अन्य देश शामिल है. इन देशों में Corona की रफ्तार कुछ इतनी ही तेज थी, जितनी आज भारत में है. इन देशों में भी मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर कम पड़ गया था. बेड, ऑक्सीजन, वेंटिलेटर, पीपीई किट का संकट आ गया था, लेकिन अब इन देशों के हालात बिल्कुल बदल गए हैं. इसका एकमात्र कारण है वैक्सीनेशन.
दुनियाभर के एक्सपर्ट्स का भी यही मानना है कि ज्यादा से ज्यादा वैक्सीनेशन ही Corona को रोक सकता है. दैनिक भास्कर की एक रिपोर्ट कहती है कि वैक्सीनेशन का पॉजिटिव रिजल्ट दुनिया के 6 देशों में देखने को मिला. हम आपको ऐसे ही देशों के हालात से रूबरू कराएंगे. बताएंगे कि यहां पहले क्या स्थिति थी और बड़े पैमाने पर वैक्सीनेशन के बाद कैसे हालात बदले…?
UK की 49% आबादी को वैक्सीन लगी; 97% घट गए केस
वैक्सीनेशन के पॉजिटिव रिजल्ट का सबसे बड़ा उदाहरण UK यानी ब्रिटेन है. यहां पिछले साल 8 दिसंबर से वैक्सीनेशन ड्राइव शुरू हो गया था. तब पूरे देश में हर दिन 60 से 70 हजार नए Corona संक्रमित मिलते थे. अस्पतालों में बेड कम पड़ गए थे. हर दिन 1000-1200 मौतें हो रही थीं, लेकिन जैसे-जैसे वैक्सीनेशन तेज हुई हालात बदलने लगे. फरवरी के बाद से लगातार यहां संक्रमितों की संख्या घट रही है. अब यहां हर दिन केवल एक से दो हजार लोग ही संक्रमित हो रहे हैं, जबकि 15 से 20 मौतें हो रही हैं. पूरे देश में लगभग सभी प्रतिबंध हटा दिए गए हैं. स्कूल-कॉलेज पहले की तरह खुल गए हैं.
इजराइल में सबसे ज्यादा 61% आबादी को वैक्सीन दी गई
इजराइल में अब मास्क पहनने की अनिवार्यता खत्म कर दी गई है. मतलब लोग बगैर मास्क के घूमने लगे हैं. स्कूल-कॉलेज, कारोबार फिर से खुल चुका है. बाजार खुल रहे हैं, टूरिस्ट आने लगे हैं. मतलब इजराइल ने कोरोना को लगभग मात दे दी है. ये सब संभव हो पाया है, क्योंकि यहां अब तक 61% आबादी को वैक्सीन लगाई जा चुकी है. आने वाले दो से तीन महीने के अंदर इसे 90% के पार करने का लक्ष्य है. यहां पहले 10 से 11 हजार लोग संक्रमित मिलते थे. अब बमुश्किल 100 लोग संक्रमित पाए जा रहे हैं, जबकि हर दिन एक या दो मौत हो रही है.
अमेरिका में भारत जैसे हालात थे, वैक्सीनेशन ने 80% केस कम किए
भारत में अभी जो हालात हैं, कुछ वैसे ही सितंबर से लेकर जनवरी तक अमेरिका में थे. हर दिन 1 से 3.07 लाख के बीच कोरोना संक्रमित मिल रहे थे. इस दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति का चुनाव भी हुआ. जैसे भारत में नेताओं की रैलियों में भीड़ उमड़ती थी, वैसी ही बेकाबू भीड़ वहां भी रहती थी. ज्यादातर लोग मास्क नहीं पहनते थे. हर दिन 2 से 6 हजार के बीच लोगों की मौतें हो रही थीं, लेकिन पूरे देश ने हार नहीं मानी. वैक्सीनेशन तेजी से हुआ. अब हालात ये है कि यहां की 39.56% आबादी को वैक्सीन लगाई जा चुकी है. इसके चलते संक्रमण की रफ्तार में 80% की गिरावट दर्ज की गई है. पहले जहां हर दिन 1-3 लाख मरीज मिलते थे, अब 50-60 हजार मरीज मिल रहे हैं.
स्पेन, फ्रांस और जर्मनी में भी सुधर रहे हालात
वैक्सीनेशन के चलते स्पेन, फ्रांस और जर्मनी में भी हालात सुधरने लगे हैं. स्पेन में जनवरी तक 25-30 हजार मामले सामने आ रहे थे, अब यहां 8-10 हजार लोग संक्रमित मिल रहे हैं. यहां अभी 20% ही वैक्सीनेशन हुआ है. इसी तरह फ्रांस में अब तक 18.73% लोगों को वैक्सीन लग चुकी है. यहां, अप्रैल की शुरुआत में एक दिन के अंदर 60 हजार तक मरीज मिले हैं, अब इसमें गिरावट हो रही है. अब हर दिन 25-30 हजार केस सामने आ रहे हैं. जर्मनी में अभी 20.07% आबादी को वैक्सीन लगी है. इसका असर ये है कि यहां मौतों की रफ्तार काफी घट गई है. जनवरी तक हर दिन जहां एक से डेढ़ हजार मरीजों की मौत हो रही थी, वहीं अब 200-400 लोगों की जान जा रही है.
भारत में भी वैक्सीनेशन का दिखा पॉजिटिव इफेक्ट
अपने देश में इस वक्त दो तरह की वैक्सीन का यूज हो रहा है. पहली कोवीशील्ड और दूसरी कोवैक्सिन. इन दोनों वैक्सीन का असर भी दिखने लगा है. अब तक कोवीशील्ड को 11.6 करोड़ से ज्यादा लोग लगवा चुके हैं. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, इनमें पहला डोज लगवाने के बाद 17,145 लोग Corona संक्रमित पाए गए हैं, जबकि दूसरा डोज लगवाने के बाद इसकी संख्या घटकर 5014 हो गई है. इसी तरह कोवैक्सिन का पहला डोज लेने के बाद 4208 लोग पॉजिटिव पाए गए, जबकि दूसरा डोज लेने के बाद केवल 695 लोग संक्रमित हुए.