87 साल में पहली बार नहीं होगा रणजी ट्रॉफी का आयोजन, BCCI का बड़ा फैसला, जय शाह ने लिखा पत्र

नई दिल्ली (एजेंसी) 1934 में पहली बार शुरू हुए इस टूर्नामेंट का नाम भारतीय राजकुमार और क्रिकेटर केएस रणजीत सिंह जी के नाम पर रखा गया है, जिन्होंने 1896 से 1902 के बीच इंग्लैंड के लिए 15 टेस्ट मैच खेले। क्रिकेट में लेट कट और लेग ग्लांस जैसे शॉट का अविष्कार रणजीत सिंह के नाम ही जाता है। रणजी ट्रॉफी की सबसे सफल टीम मुंबई है, जिसने रिकॉर्ड 41 बार फाइनल जीता। वसीम जापर टूर्नामेंट के सबसे सफल बल्लेबाज, जिनके नाम 10 हजार 738 रन हैं।
बोर्ड ऑफ कंट्रोल फॉर क्रिकेट इन इंडिया यानी BCCI ने फैसला कर लिया है। इस सीजन में रणजी ट्रॉफी की जगह विजय हजारे ट्रॉफी खेली जाएगी। दरअसल, कोरोना ने देश में खेल की दशा और दिशा दोनों बदल दी। अप्रैल में आईपीएल के 14वें सीजन का आयोजन तय है, ऐसे में बीसीसीआई के पास किसी भी घरेलू टूर्नामेंट के आयोजन के लिए सिर्फ दो महीने का ही समय बाकी है। इन सबको ध्यान में रखते हुए बीसीसीआई ने सभी संघों से विजय हजारे ट्रॉफी और रणजी ट्रॉफी में से किसी एक के आयोजन पर राय मांगी थी।
बोर्ड सचिव जय शाह के मांगे गए सुझाव पर विभिन्न राज्य क्रिकेट संघों ने अपनी राय दे दी है, जिसके आधार पर इस सीजन विजय हजारे के अलावा सीनियर महिला एकदिवसीय और अंडर-19 वीनू मांकड़ ट्रॉफी का ही आयोजन करेगा। अभी किसी भी टूर्नामेंट की तारीखों का एलान नहीं हुआ है, लेकिन अनुमान के मुताबिक फरवरी के दूसरे और तीसरे हफ्ते हजारे ट्रॉफी की शुरुआत हो सकती है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक आंध्र प्रदेश को छोड़कर अधिकतर राज्य संघ विजय हजारे ट्रॉफी के पक्ष में है। अधिकतर संघ छोटे फॉर्मेट के टूर्नामेंट पर सहमति जाता रहे हैं।
बोर्ड सचिव जय शाह ने राज्य संघों को खत लिखकर इस फैसले की सूचना दी। यह हमारे लिए बेहद अहम है कि महिलाओं की प्रतियोगिता हो। आप सभी को बताते हुए अत्यंत हर्ष हो रहा है कि हम सीनियर महिला एकदिवसीय टूर्नामेंट के साथ-साथ वीनू मांकड़ अंडर-19 टी-20 ट्रॉफी का आयोजन कर रहे हैं। घरेलू सत्र 2020-21 के लिए प्राप्त आपकी प्रतिक्रियाओँ के आधार पर ही इसला फैसला लिया गया है। बीते साल आईपीएल के बाद मौजूदा समय में सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी के सफल आयोजन के लिए मैं सभी का शुक्रिया अदा करता हूं।’