छत्तीसगढ़ के दो व्यावसायिक घरानों में IT का पड़ा था छापा

आयकर विभाग ने छत्तीसगढ़ में दो व्यावसायिक समूहों के ठिकानों पर छापे में 200 करोड़ रुपये से अधिक की बेहिसाबी धन संपत्ति का पता लगाने का दावा किया है। विभाग के बुधवार को जारी एक बयान के मुताबिक 22 दिसंबर को इस कार्रवाई में रायपुर और कोरबा के इन समूहों के रायपुर, कोरबा, बिलासपुर, दुर्ग और रायगढ़ में फैले 35 ठिकानों पर जांच की थी। उक्त समूह समूह लोहा और इस्पात के उत्पाद बनाने, कोयला वाशरी तथा माल परिवहन आदि के व्यवसाय में लगे हैं। आयकर विभाग ने बयान में कहा गया है कि इन समूह की फर्मों द्वारा रखे जाने वाले दो समानांतर बही-खाते पकड़े गए। आयकर अफसरों के मुताबिक जांच में 200 करोड़ रुपए से अधिक के बेहिसब धन के लेन-देन का पता चला है। आयकर विभाग की यह कार्रवाई तीन दिनों तक चली थी और 100 से भी अधिक अफसरों ने दस्तावेजों की पड़ताल की थी।

आयकर विभाग के मुताबिक इनमें से एक समूह की इकाइयों ने अपने एक बही-खाते में उत्पादन कम दिखाया और बाकी के मामले की बिक्री नकदी में की। उस बिक्री को नियमित खाते में नहीं चढ़ाया गया। इसी तरह की एक-एक इकाई के बही-खाते में करीब 50 करोड़ रुपये की बिक्री दर्ज नहीं की गई है। दूसरे समूह की इकाइयों के यहां भी अनेक ऐसे दस्तावेज मिले हैं, जिनमें शेयरों पर बिना आधार के ऊंचे प्रीमियम पर शेयर पूंजी हासिल करके कर चुराने का मामला सामने आया है। विभाग के अनुसार इस समूह के प्रमुख व्यक्ति ने 20 करोड़ रुपये की अघोषित आय की बात स्वीकार की है। इन छापों में तीन करोड़ रुपये की नकदी और जेवरात भी बरामद हुए हैं।