छत्तीसगढ़ राज्य सरकार के अधीनस्थ कार्यरत विद्युत विभाग को सामाजिक सरोकार रखने वाले NGO से लगता है डर,

कोरबा जिला फोरम व छत्तीसगढ़ राज्य आयोग से विद्युत उपभोक्ता के निरस्त प्रकरण का दिल्ली में अपील स्वीकार होने एवं आयोग की कार्यवाही से रुष्ट छत्तीसगढ़ विद्युत वितरण कंपनी ने NGO के लिए LIG 241 एम पी नगर कोरबा से संचालित पत्रिका के प्रकाशन स्थल का लाइन को 1वर्ष 16 दिनों तक काटे रखा, जिला फोरम के आदेश पर उपभोक्ता पर बिना चार्ज किये और बिना कोई रकम वसूली किये उस काटे गये लाईन को ज़ोड़ दिया गया।

9 साल में भी नहीं कर सके दोनों बिजली बिल का उपभोक्ता से रकम वसूल,

विद्युत विभाग ने मासिक पत्रिका पंचशील कौशल दर्पण के प्रकाशन स्थल के लाईन को लगातार (06.11.2015 से 22.11.2016) तक काट रखे थे, संस्था के पत्रिका के प्रकाशन को बाधित करने, शिकंजा कसने में कोई कसर नहीं छोड़ी, ताकि समाज सेवी संस्था द्वारा जनहित में संचालित किए जा रहे शराब बंदी के अभियान शीथिल हो, नौ वर्षों तक प्रतिष्ठित समाचार पत्र-पत्रिका के संपादक पर चाबुक चलाया गया, जिसके लिए विभाग ने 4 पन्ने के हथियार का प्रयोग किया, उनके बनाये उन 4 पन्ने को रामपुर पुलिस चौकी से प्राप्त जारी सिर्फ एक पन्ना में फर्जी होने का पटाक्षेप कर दिया गया है,

जबकि पंचशील कौशल दर्पण के प्रकाशक ने आर टी आई से प्राप्त 5 दर्जन से अधिक अन्य साक्ष्य युक्त आवश्यक जानकारी को जिला फोरम एवं NCDRC दिल्ली में प्रस्तुत कर दिया है।

 शासन द्वारा स्थापित जिला फोरम, एवं आयोग की कार्यवाही एवं जजों में इच्छा-शक्ति की कमी,

छत्तीसगढ़ प्रदेश और देश भर में संचालित मीडिया, समाज सेवी संगठन और विभिन्न पार्टी संगठनों को जनता के मुद्दों को उठाने की है जरूरत।

प्रकाशित जानकारी पूर्णतः प्रमाणित,

विधायिका, न्यायपालिका, कार्यपालिका और क्षेत्रीय/राष्ट्रीय मीडिया जगत की निष्क्रियता से उड़ रही भारतीय संविधान की धज्जियां और दुखी भुक्तभोगी देश के 130 करोड़ जनता,

आम व खास जनता के हितों को ध्यान में रखकर विद्युत वितरण कंपनी से ज़ारी संबंधित मेटर एक विशेष संदेश के रुप में प्रस्तुत है।

2013 में 2018 तक छत्तीसगढ़ में भाजपा की सरकार थी,
2018 के बाद वर्तमान में आज दिनांक तक 3 वर्ष से कांग्रेस की सरकार है, दोनों ही पार्टियों ने जनता को गुमराह करके, सत्ता हासिल करने में एक-दूसरे से कम नहीं है, हटकर कोई विशेष कार्य नहीं किया है।

जब भाजपा की सरकार थी तब कोरबा, के क्षेत्रीय विधायक एवं वर्तमान में राजस्व मंत्री जयसिंग अग्रवाल के जानकारी में 146836/रुपए और 52140/रूपए के दोनों बिजली बिल का मामला चलता आ रहा है। तब हमारे नेता जी मौनीबाबा बनकर विद्युत विभाग और भाजपा सरकार को मौन समर्थन दे रहे थे। जबकि विद्युत विभाग उपभोक्ता के बिजली की लाइन को बेवजह बार-बार (3 बार) काट कर बिना विशेष कार्यवाही किए, बिना बिजली बिल के बाकी रकम को वसूली किए ही उपभोक्ता के लाईन को तीनों बार जोड़कर परेशान करते रहे थे।

वर्तमान में कांग्रेस की सरकार है तो वही मूक दर्शक बने रहने की रीति-नीति भाजपाई नेता निभा रहे हैं।

हमारे प्रदेश के बड़बोले नेताओं के बातों को जनता के बीच तक जनहित में संदेश पहुंचाने के लिए उनके पास प्रिंट मीडिया एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया की लम्बी कतारें प्रचार-प्रसार के लिए तत्पर हैं, फिर भी जनता के मूलभूत सुविधाओं की जरुरी मुद्दे को उठाने और उजागर करने में छत्तीसगढ़ के नेता संकोच करते आए हैं।

उन्हें लगता है कि ऐसे मुद्दे जनता की समझ से परे है, जिसे कि प्रदेश की जनता देख रही है!

कांग्रेस की सरकार को भाजपा शासन काल से चलते आ रहे  जानता के मुद्दों पर कार्यवाही करने की सोच रखनी थी, इस ज्वलंत मुद्दे पर विभाग द्वारा बनाये बिजली उपभोक्ता को दिए 4 पन्ने पर लिखे गये बिल के तथ्यों की जानकारी लेकर रकम वसूली करने और विद्युत विभाग द्वारा जारी विद्युत चोरी होने की स्थिति पर कार्यवाही करना चाहिए था, साथ ही विद्युत विभाग द्वारा पुलिस को लिखित शिकायत दर्शित पत्र के संबंध में प्रकाशित इस समाचार/जानकारी को छत्तीसगढ़ सरकार के मुखिया और राजभवन तक पहुंचाई जा चुकी हैं।

जनता के हित में अत्यंत महत्वपूर्ण मुद्दा है फिर भी 1वर्ष पूर्व छत्तीसगढ़ शासन के उच्च पदस्थ आसीन माननीय मुख्यमंत्री और महामहिम राज्यपाल को दिए गए शिकायत पत्र पर भी किसी तरह से कार्रवाई नहीं किए गए।

आवश्यकता है तुरन्त एक्शन लेने वाले इच्छा-शक्ति की

सरकार द्वारा प्रशासन को तुरंत कार्रवाई करने का निर्देश करते। और पिछले 9 वर्ष पूर्व  से जारी उपरोक्त लिखित 146836/ रूपए और 52140/रूपए की वसूली करने का फैसला लेकर या रकम नहीं लिए जाने का कारण जानकर दोषी लोगों के विरूद्ध कार्यवाही करने की अपनी पारदर्शी नीति को उजागर करके प्रदेश की जनता को विश्वास दिलाते कि कांग्रेस के भूपेश बघेल की सरकार किसी का कोई भी गलती को बर्दाश्त नहीं करेगी।

अगर सरकार विद्युत विभाग से बिना तारीख के बनाए बिल और बिना तारीख का दर्शित। LIG 241 महाराणा प्रताप नगर कोरबा के नाम पर जारी जांच प्रतिवेदन पर विद्युत चोरी का उल्लेख है उस पर वसूली की कार्यवाही करती तो प्रदेश के वर्तमान उपभोक्ता इन चारों पन्ने के बेस पर विभाग द्वारा जारी अन्य उपभोक्ताओं के बिजली बिल बाकी जो करोड़ों में है को जमा लिये जाने का मजबूत आधार बनता।

9 वर्षों में एक बिजली उपभोक्ता से 146836/रुपए एवं 52140/रुपए को विद्युत विभाग द्वारा ज़मा नहीं कराया जाना छत्तीसगढ़ सरकार और बिजली वितरण कंपनी के गंभीर लापरवाही को बयां कर रही है।

छत्तीसगढ़ सरकार की विद्युत विभाग के खामियों का असर देखने को मिल रही प्रदेश की जनता में,

वर्तमान में अन्य उपभोक्ता को विद्युत विभाग द्वारा जारी करोड़ों रुपए के देयकों को जमा नहीं करने का मामला बढ़ता देखने को मिल रही है, आगे भी विद्युत उपभोक्ता द्वारा बिल जमा नहीं करे तो इससे छत्तीसगढ़ सरकार को और भी अधिक आर्थिक क्षति होने की संभावना बढ़ती चली जाएगी।

प्रदेश की विद्युत विभाग द्वारा विद्युत उपभोक्ताओं का अनावश्यक रूप से लाईन काटने जाने से प्रभावित जनता उद्वेलित होकर सड़क पर उतरने का अवसर तलाश रही है, अगर इन मुद्दों पर जनता उतर आए तो सारी जिम्मेदारी वर्तमान सरकार की मत्थे पड़ेगी, जिस बिजली के दम पर कांग्रेस ने अपनी सरकार बनाई है कहीं वह स्वयं के लिए ही संकट की कड़ी न बन जाए।

प्रदेश अध्यक्ष
पंचशील कौशल सेवा संस्थान, कोरबा, छत्तीसगढ़