रायपुर। निलंबित एडीजी जीपी सिंह को 2 दिन की पुलिस रिमांड पर लेकर एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने पूछताछ शुरू की है लेकिन जांच टीम मोबाइल फोन के राज टटोलने ठहर गई है। पूछताछ में जीपी सिंह ने गिरफ्तारी के 8 घंटे बाद भी अपने मोबाइल का स्क्रीन शॉट का डिटेल नहीं दिया है। एसीबी के सूत्रों के मुताबिक गुरूवार सुबह 9 बजे से जीपी सिंह से पूछताछ शुरू की। आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले में पुलिस ने बयान ले लिया है लेकिन जीपी सिंह के पास से बरामद मोबाइल फोन का मास्टर लॉक अब तक नहीं खुल सका है। छत्तीसगढ़ से फरार घोषित किए जाने के बाद से जीपी सिंह एसीबी की हर एक गतिविधियों पर नजर डाले हुए थे। एसीबी की टीम अब जीपी सिंह को सहयोग करने और उन्हें किसी भी तरह से मदद करने वालों की तस्दीक में जुटी हुई है। 2 दिन की पुलिस रिमांड में लगभग 8 अधिकारी पूछताछ के लिए चैनल बनाए हुए हैं। जिन मामलों में एसीबी ने चालान पेश कर दिया है उन मामलों में भी साक्ष्य जुटाने की कोशिश की जा रही है।
जीपी को लेकर कुछ और ठिकानों में छापा संभव
एसीबी की पूछताछ में जीपी सिंह ने जो अब तक बयान दिए हैं उसके आधार पर टीम रायपुर के कुछ और जगहों पर छापेमारी कर सकती है। बताया जा रहा है जीपी सिंह के फरार रहने के दौरान ही एसीबी की टीम ने रायपुर में उनसे जुड़े हुए कुछ करीबियों का चि_ा बना लिया था। क्रॉस बयान की तस्दीक करने के बाद अब उन जगह में भी नए सिरे से छापेमारी की संभावना है।
किराए के चादर और बिस्तर में कटी रात
किसी समय में मुख्यालय के चीफ रहने वाले जीपी सिंह को उसी मुख्यालय में एक कमरे पर किराए के बिस्तर और चादर दिए गए। निलंबित डीजी ने भाड़े से जुटाए गए सोने की व्यवस्था में रात गुजारी। एक करीबी का कहना है जीपी सिंह पूरी रात नहीं सोए, लेकिन अलसुबह उनकी नींद पड़ी। 8 बजे के बाद ही उन्हें पूछताछ के लिए तलब कर दिया गया।
फॉरेंसिक लैब का सहारा लेगी एसीबी
जीपी सिंह के पास से 2 स्मार्टफोन बरामद हुए हैं। एसीबी का दावा है कि पूछताछ के दौरान जीपी सिंह सहयोग नहीं कर रहे हैं। उनका मोबाइल फोन अब तक लॉक है। इसके पहले भी उनके घर से मोबाइल टैब और दूसरे तरह के मोबाइल यूनिट बरामद हुए थे अब सभी की जांच के लिए साइबिल लैब की मदद ली जाएगी। फरारी के दौरान चालू किए गए फोन नंबर और उन पर हुई बातचीत का पूरा ब्यौरा शामिल किया जाएगा।
वर्जन
घंटों की पूछताछ के बाद भी जीपी सिंह द्वारा मोबाइल फोन के स्क्रीन लॉक की जानकारी नहीं दी गई है। अगर आगे की पूछताछ में सहयोग नहीं मिला तो फॉरेंसिक लैब की मदद लेकर साक्ष्य जुटाए जाएंगे।
आरिफ शेख, चीफ एंटी करप्शन ब्यूरो