नईदिल्ली I सोशल मीडिया पर आईपीएस की एक स्टोरी काफी वायरल हो रही है. इस स्टोरी को बजरंग पुनिया ने शेयर किया है, जो ,सोशल मीडिया पर काफी ट्रेंड कर रहा है. कहानी एक ऐसे शख्स की है, जिन्होंने देश के लिए अपनी 50 लाख रुपये की नौकरी छोड़ दी है. इस पोस्ट के मुताबिक, बजरंग पुनिया ने संतोष मिश्रा, आईपीएस की कहानी शेयर की है. उन्होंने एक इंफोग्राफिक्स के ज़रिए बताया है कि संतोष मिश्रा एक बेहतरीन आईपीएस अधिकारी हैं.वो अपना समय गरीब, लाचार और आर्थिक रूप से कमज़ोर बच्चों को शिक्षित करने में लगाते हैं. जब वो अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर में थे तब उनकी सैलरी 50 लाख रुपये थी, मगर उन्होंने अपनी जॉब छोड़ दी और वो भारत आकर लोगों की भलाई करने लगे.
बजरंग पूनिया ने अपने पोस्ट के साथ दो तस्वीरें शेयर की हैं. जिसमें IPS अधिकारी सरकारी स्कूल के बच्चों को पढ़ाते नजर आ रहे हैं. बजरंग पूनिया के पोस्ट के मुताबिक, IPS संतोष मिश्रा अपने काम के बाद बाकी बचा समय गरीब, लाचार और आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों को शिक्षित करने में लगाते हैं. उन्होंने अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर की 50 लाख रुपये की सैलरी वाली अपनी नौकरी देश के लिए छोड़ दी थी. इसके बाद वह भारत आकर लोगों की भलाई करने लगे बता दें कि संतोष मिश्रा इस समय उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले में SP के पद पर कार्यरत हैं. वह ट्विटर पर काफी ज्यादा पॉपुलर हैं. बिहार के रहने वाले संतोष मिश्रा साल 2012 बैच के IPS अधिकारी हैं. साल 2011 में उन्होंने US से सॉफ्टवेयर इंजीनियर की नौकरी छोड़ दी थी. उस समय अमेरिका में उनकी सैलरी 50 लाख रुपये थी. इसके बाद उन्होंने सिविल सर्विस की तैयारी की और पहले प्रयास में ही देश के सबसे बड़े एग्जाम को पास कर IPS अधिकारी बने.
IPS संतोष मिश्रा पटना जिले के रिटायर्ड आर्मी मैन के बेटे हैं. 10वीं और 12वीं बिहार के स्कूल से पास करने के बाद उन्होंने पुणे यूनिवर्सिटी से मकैनिकल इंजीनियरिंग में डिग्री हासिल की. इसके बाद उनका सिलेक्शन यूरोप की कंपनी में हुआ था. 4 साल यूरोप में नौकरी करने के बाद वह यूएस चले गए. वहां सात साल तक काम करने के बाद भारत वापस लौट आए. दरअसल, उनका मन देश की सेवा करने में लगा हुआ था, इसलिए उन्होंने 50 लाख के सालाना पैकेज को भी छोड़ दिया था. संतोष मिश्रा को जब अपने काम से खाली समय मिलता है तो वह सरकारी स्कूल के बच्चों के बीच पहुंच जाते हैं. वह बताते हैं कि एक बार वह एक प्राइमरी स्कूल में बच्चों को पढ़ाने पहुंचे थे, तब एक बच्चे ने जलेबी खाने की इच्छा जताई थी. इसके बाद उन्होंने बच्चों के लिए जलेबी मंगवाई थी.