कोरबा। छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में 5वीं कक्षा में पढ़ने वाला बच्चा नहर में डूब गया है। वो शनिवार शाम को अपने दोस्तों के साथ पतंग उड़ा रहा था। इस दौरान पैर फिसलने से वो नहर में डूब गया। घटना के 20 घंटे बीत जाने के बाद भी उसका अब तक कुछ पता नहीं चला सका है। गोताखोरों की मदद से उसकी तलाश जारी है। मामला कोतवाली थाना क्षेत्र का है।
सीतामढ़ी स्थित कुम्हार मोहल्ले में रहने वाला नारायण पाटकर(12) पिता परमेश्वर पाटकर शनिवार शाम को अपने दोस्तों के साथ मोहल्ले में ही पतंग उड़ा रहा था। बताया गया कि जहां पर बच्चे पतंग उड़ा रहे थे। उसके बगल से ही सोनालिया नाला है। बच्चे काफी देर से पतंग उड़ा रहा थे। साथ में बच्चे खेल भी रहे थे। इसी दौरान शाम को करीब 5 बजे पतंग उड़ाते-उड़ाते नारायण नहर में गिर गया। उसके साथियों ने उसे बचाने का प्रयास किया। मगर बच्चे उसे बचा नहीं सके।
घटना के बाद दूसरे बच्चों ने नारायण के परिजनों को इसकी जानकारी दी। जानकारी मिलते ही नारायण के परिजन मौके पर पहुंच गए थे। साथ ही पुलिस को इसी बात की सूचना दी गई। खबर मिलते ही पुलिस की टीम मौके पर पहुंची। जिसके बाद बच्चे की तलाश शुरू की गई। लेकिन उसका कुछ पता नहीं चल सका। ठंड और रात की वजह से रात को रेस्क्यू ऑपरेशन भी शुरू नहीं हो सका। पुलिस की टीम उसकी आस-पास तलाश करती रही।
इधर, पुलिस और गोताखोरों की मदद से रविवार को सुबह से रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया है। इसके बावजूद बच्चे का अब तक कुछ पता नहीं चला है। बताया जा रहा है कि नहर में काफी तेज बहाव है। काफी दूर तक ये नहर गई हुई है। फिलहाल गोताखोरों की टीम बच्चे की तलाश कर रही है।
पिता बोले-पहले मजाक लगा था
घटना के बाद से ही परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। नारायण पाटकर अपने पिता का इकलौता लड़का था। उसकी एक छोटी तीन साल की बहन है। नारायण के पिता परमेश्वर ने बताया कि मैं उसे रोकता था कि पतंग उड़ाने मत जाया कर नहर के पास। फिर भी वह बदमाश बच्चों के साथ पतंग उड़ाने चला जाया करता था। मुझे जब इस घटना की सूचना दी गई थी तो मैं घर पर नहीं था। मैं कटघोरा गया हुआ था। मुझे बताया गया तब मैंने मजाक समझा था। मैं मौके पर गया तो ये सच था। इस दौरान नारायण के पिता परमेश्वर फूट-फूटकर रोते रहे। उन्होंने प्रशासन से उसके बच्चे की जल्द से जल्द तलाश करने की मांग की है।