- सास, जेठ के बेटे और खुद के बच्चे और पति को मारने और खुद की आत्महत्या का प्रयास हाईकोर्ट मेें आधार बना
बिलासपुर/ पत्नी की क्रूरता, मारपीट और प्रताड़ना से तंग पति की तलाक अर्जी को हाईकोर्ट ने स्वीकार करते हुए तलाक का फैसला सुनाया। पत्नी आत्महत्या का प्रयास कर रही थी, अपनी सास, अपने जेठ के बेटे के साथ मारपीट की, उसकी बेटी और पति का गर्दन दबाना, मनोचिकित्सक से उपचार प्राप्त करना और अपने वैवाहिक घर की छत से पड़ोसी के घर में कूदी जिससे मानसिक क्रूरता हुई।
मामले की सुनवाई जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा और जस्टिस एनके चंद्रवंशी की युगलपीठ में हुई। राजेश्वर प्रसाद कौशल ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की। इसमें बताया कि उनकी पत्नी शादी के पहले से ही मानसिक रूप से स्वस्थ नहीं है। वह इलाज ले चुकी है। वह याचिकाकर्ता, उसकी मां, बेटी, भाई के बेटे के साथ मारपीट और पड़ोसियों के साथ विवाद करती है। इसके लिए उसने एफआईआर भी दर्ज कराया, सामाजिक बैठक हुई। इसमें पत्नी ने आगे से इस तरह की घटना नहीं करने का लिखित आश्वासन दिया, लेकिन बाद में फिर प्रताड़ित करने लगी।
इससे परेशान होकर याचिकाकर्ता ने परिवार न्यायालय रायपुर में तलाक की अर्जी प्रस्तुत की। परिवार न्यायालय ने इस तरह की प्रताड़ना को पर्याप्त आधार न मानते हुए आवेदन खारिज कर दिया। इस पर याचिकाकर्ता हाईकोर्ट में याचिका प्रस्तुत किया। मामले की सुनवाई के दौरान प्रताड़ना की पूरी कहानी कोर्ट को बताया, सुप्रीम कोर्ट के न्याय दृष्टांतों को प्रस्तुत किया। याचिकाकर्ता ने यह भी बताया कि उसकी पत्नी उसके साथ मारपीट करती है, बच्चे को मारने का प्रयास की, उसकी मां का गला दबाई, भाई के बेटे को भी मारी है। यहां तक की अपने घर की छत से पड़ोसी के घर में कूद गई। वह अपनी आदत से लाचार और मानसिक रूप से स्वस्थ नहीं है। हाईकोर्ट ने इन आधारों को स्वीकार किया, अपने आदेश में कोर्ट ने कहा कि पत्नी ने प्रताड़ना और क्रूरता की है।