मुंबई: बॉम्बे हाईकोर्ट ने एक मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि जो लोग रात में सड़कों पर घूम रहे हैं उन लोगों से पुलिस पूछताछ कर सकती है, इसमें कोई आपत्ति नहीं है. इसके साथ ही कोर्ट ने उस याचिका को भी रद्द करने से इनकार कर दिया, जिसमें 2018 में मुंबई में आधी रात को शराब पीकर गाड़ी चलाते हुए पुलिस ने कुछ लोगों को रोककर पूछताछ की थी. आरोपी ने FIR को रद्द कराने के लिए व्यक्तिगत कारणों का हवाला देते हुए अदालत का दरवाजा खटखटाया था.

जस्टिस पीबी वराले और जस्टिस एसएम मोदक की खंडपीठ ने सुनवाई करते हुए कहा कि जो दलील दी गई है, उसे सुनने के बाद ये आधार नहीं बनता कि कार्रवाई को रद्द किया जाए. प्राथमिकी को रद्द करने के लिए कोई भी वजह नजर नहीं आती. लिहाजा याचिका खारिज की जाती है. बता दें कि 2 फरवरी, 2018 को पुलिस उप निरीक्षक (Sub Inspector of Police) अनवर खान की ओर से एक एफआईआर दर्ज कराई गई थी. इसमें कहा गया था कि वह 1 और 2 फरवरी की दरम्यानी रात को मुंबई के विले पार्ले में वेस्टर्न एक्सप्रेस हाईवे पर अन्य पुलिस कर्मचारियों के साथ गश्त ड्यूटी पर थे. करीब 1.50 बजे एक स्कॉर्पियो कार आई और उसे रुकने के लिए कहा गया. लेकिन वाहन चालक ने अनदेखी करते हुए गाड़ी नहीं रोकी. इतना ही नहीं वाहन चालक पुलिस बैरिकेड को तोड़कर फरार हो गया. एफआईआर के मुताबिक जब आरोपी मौके से भाग रहे थो तो उप निरीक्षक अनवर खान और और अन्य पुलिसकर्मियों ने कार का पीछा किया और अंधेरी पुल के पास कार रोक ली. इसके बाद आरोपियों से पूछताछ की गई थी.