रायपुर I बोड़ला ब्लॉक के मुंडादादर इलाके के जंगल में फिर से गजराज परिवार पहुंच गया है। मध्यप्रदेश की सीमा से लगे इस इलाके में कान्हा टाइगर रिजर्व की ओर से पहुंचे इस एक दल में कुल पांच हाथी हैं। दल में 2 बच्चे भी शामिल हैं। फिलहाल ये दल पिछले दो दिन से आसपास इलाके में ही मंडरा रहे हैं। इसकी वजह यहां पर्याप्त आहार मिल रहा है ऐसी संभावना जताई गई है।
हाथी दल ने किसी को नुकसान तो नहीं पहुंचाया है, लेकिन आसपास गांवाें के लोग इससे डरे हुए हैं। लिहाजा, वन विभाग की टीम अलर्ट पर है। आसपास गांवों में मुनादी करा चौकन्ना रहने कहा गया है। खासतौर पर उन परिवारों को, जिनके घरों में महुआ और अन्य वनोपज रखे हुए हैं। क्योंकि महुआ हाथियों का प्रिय आहार है और ये दूर से ही इसे सूंघ लेते हैं। आहार के लिए हाथियों का दल घरों को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
लगातार मूवमेंट: दो माह में ही तीसरी बार पहुंचे
मध्यप्रदेश के कान्हा और छग के अचानकमार टाइगर रिजर्व के बीच भोरमदेव अभयारण्य है। इस बीच हाथियों का मूवमेंट लगातार बढ़ते जा रहा है। बीते 2 महीने में ही तीसरी बार हाथियों के दल ने आमद दी है। इस साल फरवरी माह में 16 हाथियों का दल अचानकमार टाइगर रिजर्व से खुड़िया रेंज होते हुए तेलियापानी लेदरा और फिर मप्र के सीमावर्ती जंगल में प्रवेश किए थे।
फिर उसे रास्ते से वापस भी हुए। इसके बाद अप्रैल माह में 9 हाथियों के दल इसी रुट से होकर गुजरने व वापस आए। अब एमपी की ओर से 5 हाथी मुंडादादर इलाके में पहुंच गए हंै। इनका मूवमेंट अभी वहीं बताया जा रहा है। इससे आगे जाने पर हाथियों के पंडरिया वन परिक्षेत्र में प्रवेश करने की संभावना जताई जा रही है।
हाथी बिना रेडियो कॉलर आईडी के: सबसे खतरनाक स्थिति ये है कि जितने भी हाथी दल यहां से होकर गुजर रहे हैं, वे बिना रेडियो कॉलर आईडी वाले हैं। इस बार जो दल आया है, उनमें भी सेटेलाइट कॉलर आईडी नहीं लगे हैं।
मार्च 2013 में एक हाथी आया, अब दल पहुंचने लगा
बीते 9 साल में यह आठवीं बार है, जब हाथियों का दल कबीरधाम जिले विचरण करते पहुंचे हैं। सबसे पहले मार्च 2013 में एक हाथी सिंगपुर बिट क्रमांक 505 में आया था। दूसरी बार 2015 में एक हाथी रुखमीदादर की ओर आया व अचानकमार लौट गया था। तीसरी बार 6 हाथियों का दल भड़गा तक पहुंचा था।
सितंबर 2019 में रुखमीदादर के पास भी ग्रामीणों ने हाथी देखा था। साल 2020 में जिले के पंडरिया पूर्व वन परिक्षेत्र अंतर्गत कोदवा सर्किल के अंजवाइनबाह बीट में 11 जंगली हाथियों का झुंड देखा गया था। नवंबर 2021 में सर्वाधिक 14 हाथियों का दल जिले के वन क्षेत्र तक पहुंचा। पांच माह पूर्व 16 हाथियों का दल बोड़ला व पंडरिया ब्लॉक के जंगलों में विचरण करते हुए एमपी चले गए थे।