नईदिल्ली I नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने 737 मैक्स विमान के पायलटों को दोषपूर्ण सिम्युलेटर पर प्रशिक्षण देने को लेकर स्पाइसजेट पर 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. बताया जा रहा है कि डीजीसीए ने पिछले महीने स्पाइसजेट के 90 पायलटों को ठीक से प्रशिक्षित नहीं होने के बाद मैक्स विमान के संचालन से रोक दिया था.
मीडिया रिपोर्टस के अनुसार पायलटों को प्रतिबंधित करने के बाद डीजीसीए ने एयरलाइन को कारण बताओ नोटिस जारी किया था. वहीं एयरलाइन द्वारा भेजी गई प्रतिक्रिया संतोषजनक नहीं पाई गई. एक सूत्र ने कहा, ‘‘विमानन कंपनी द्वारा दिए जा रहे प्रशिक्षण से उड़ान सुरक्षा पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है और इसलिए पाबंदी लगाई गई थी.’’
इंडिगो पर भी लगा था जुर्माना
बता दें कि, इससे पहले शनिवार को ही डीजीसीए ने एयरलाइन्स कंपनी इंडिगो पर भी एक मामले में 5 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था. दरअसल, निजी विमानन कंपनी इंडिगो एयरलाइंस पर आरोप लगा था कि उसने एक दिव्यांग बच्चे को फ्लाइट पर चढ़ने से मना कर दिया. इस घटना के बाद से बच्चे के माता पिता ने फ्लाइट में सवार होने से मना कर दिया था.
जांच में इंडिगो स्टाफ की गलती मिली
ये घटना 7 मई को रांची एयरपोर्ट पर हैदराबाद जाने वाली फ्लाइट के दौरान हुई थी. इस मामले पर सफाई देते हुए इंडिगो एयरलाइन्स ने कहा था कि बच्चा घबराया हुआ था जिसकी वजह से उसे फ्लाइट में जाने से मना कर दिया था. तो वहीं नागरिक उड्डयन महानिदेशालय का कहना है कि जांच में पाया गया कि इंडिगो ग्राउंड स्टाफ दिव्यांग बच्चे को संभाल नहीं पाया और बच्चे को फ्लाइट पर चढ़ने से रोकने पर स्थिति को संवेदनशील और जटिल बना दिया.
नागरिक उड्डयन मंत्री ने लिया था संज्ञान
मामला मीडिया में तूल पकड़ने लगा था जिसके बाद नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को खुद मामले में संज्ञान लेना पड़ा. उन्होंने इस मामले की जांच के आदेश दिए और फैक्ट फाइंडिंग कमेटी का गठन किया. जांच में इंडिगो (Indigo) के कर्मचारियों को नियमों को उल्लंघन करते हुए पाया गया और बाद में कंपनी को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया था. वहीं इसके बाद इंडिगो पर 5 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था.