लखनऊ। उत्तरप्रदेश में कोरोनावायरस (Coronavirus) का कहर दिन प्रतिदिन बेहद घातक होता जा रहा है। राज्य के कई जिलों में कोरोना की स्थिति बेकाबू हो चुकी है और संक्रमितों की संख्या तेजी के साथ बढ़ रही है। मौत के आंकड़े भी रोज रिकॉर्ड तोड़ रहे हैं। लखनऊ, कानपुर, प्रयागराज व वाराणसी में हालात ज्यादा खराब हैं।
लखनऊ में मौतों की संख्या इतनी बढ़ गई है कि अब श्मशान घाट पर भी प्रोटोकॉल के तहत अंतिम संस्कार करने वालों की लंबी-लंबी लाइनें दिखाई पड़ रही हैं। राज्य के हालात को लेकर योगी सरकार बेहद चिंतित है और कोरोना संक्रमित होने के बावजूद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बागडोर अपने हाथों में संभाल रखी है।
लखनऊ में बेकाबू हुआ कोरोना :लखनऊ में करोना सबसे ज्यादा कहर बरपा रहा है और सबसे बड़ी बात तो यह है कि इस बार आम जनता के साथ-साथ मेडिकल स्टाफ से जुड़े लोग भी इसकी चपेट में आ रहे हैं। अगर आंकड़ों पर नजर डालें तो अभी तक संजय गांधी चिकित्सा आयुर्विज्ञान संस्थान (पीजीआई) में करीब 100 तो केजीएमयू में 250 के लगभग स्टाफ पॉजिटिव हो चुका है। इससे स्थिति और चिंताजनक हो गई है। पीजीआई में संक्रमित होने वालों में सबसे ज्यादा 73 संख्या नर्सों की है। पैरामेडिकल सहित कार्यालय में अन्य 25 लोग वायरस की चपेट में हैं।
वहीं, केजीएमयू में करीब 250 लोग संक्रमित हैं। इनमें 125 से ज्यादा रेजिडेंट, दो इंटर्न, 20 फैकल्टी और 100 के करीब अन्य स्टाफ है। सबसे ज्यादा मामले सर्जरी विभाग में हैं। यहां संक्रमितों की संख्या 30 के करीब है। इसके बाद मानसिक रोग विभाग के 15 लोग संक्रमित हैं। इसके अलावा लगभग हर विभाग से डॉक्टर, रेजिडेंट तथा अन्य स्टाफ पॉजिटिव हो चुका है।
दूसरी ओर, मरीजों की संख्या दिन-प्रतिदिन हजारों की तादाद में पहुंच चुकी है। बढ़ते मरीजों की संख्या के बीच लखनऊ में मृत्यु दर भी बढ़ गई है। राजधानी लखनऊ के श्मशान घाटों पर शवों के अंतिम संस्कार के लिए लंबी लाइनें लग रही हैं और बड़ी संख्या में अंतिम संस्कार के लिए आ रहे शवों को देखते हुए लखनऊ नगर निगम ने अंतिम संस्कार के लिए अब 90 नए प्लेटफॉर्म तैयार किए हैं।
मिनी लॉकडाउन जैसी स्थिति : लखनऊ में बढ़ रहे कोरोना के मामलों को देखते हुए जहां योगी सरकार पहले ही नाइट कर्फ्यू लगा चुकी है। वहीं, प्रशासन ने सख्ती बरतते हुए अब शहर में अघोषित मिनी लॉकडाउन जैसी स्थिति कर दी है। लखनऊ का शायद ही कोई इलाका है जहां सड़कों पर बेरीकेडिंग कर वाहनों की आवाजाही नहीं रोक दी गई हो। नगर निगम और पीडब्ल्यूडी के आंकड़ों के मुताबिक करीब 950 इलाकों में बेरीकेडिंग की जा चुकी हैं। इसके अलावा एकल केस मिलने पर घरों को भी सील करने की कार्रवाई नगर निगम द्वारा चालू हैं।
यूपी में संक्रमण की रफ्तार :
देश में तेजी से बढ़ रहे कोरोना मामले में जहां महाराष्ट्र सबसे आगे है तो वहीं उत्तर प्रदेश भी दूसरे नंबर पर है। उत्तर प्रदेश में प्रतिदिन कोरोना के मरीजों की संख्या भी पिछले 1 सप्ताह में 204 प्रतिशत तक बढ़ी है। लखनऊ में भी प्रतिदिन के केस में भी सप्ताह भर में 350 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी देखी गई है। अगर मरीजों के ठीक होने के आंकड़ों पर गौर किया जाए तो यह मार्च के अंतिम सप्ताह के 98 प्रतिशत से घटकर इस वक्त 85 प्रतिशत रह गया है।
देश में तेजी से बढ़ रहे कोरोना मामले में जहां महाराष्ट्र सबसे आगे है तो वहीं उत्तर प्रदेश भी दूसरे नंबर पर है। उत्तर प्रदेश में प्रतिदिन कोरोना के मरीजों की संख्या भी पिछले 1 सप्ताह में 204 प्रतिशत तक बढ़ी है। लखनऊ में भी प्रतिदिन के केस में भी सप्ताह भर में 350 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी देखी गई है। अगर मरीजों के ठीक होने के आंकड़ों पर गौर किया जाए तो यह मार्च के अंतिम सप्ताह के 98 प्रतिशत से घटकर इस वक्त 85 प्रतिशत रह गया है।
यूपी के जिलों में क्या है कोरोना की रफ्तार : उत्तर प्रदेश के लखनऊ में हालात सबसे अधिक खराब हैं। यहां एक दिन में 5382 नए केस सामने आए, जबकि 18 लोगों ने दम तोड़ दिया। यहां अब तक 1371 मरीजों की मौत हो चुकी है, जबकि एक्टिव मरीजों की संख्या 27 हजार 385 है। इसके बाद प्रयागराज सबसे बड़ा हॉटस्पॉट है। यहां 1856 नए मामले सामने आए, जबकि 8 लोगों की मौत हो गई।
इसी तरह कानपुर में 1271 नए केस मिले और 10 लोगों का निधन हो गया। वाराणसी में 1404 नए केस और 3 लोगों की मौत हो गई। गोरखपुर में अभी ऐक्टिव मरीजों की संख्या 2943 है। राजधानी लखनऊ सहित वाराणसी, प्रयागराज, गोरखपुर, कानपुर जैसे शहरों में हालात ठीक नहीं है, जहां बड़ी संख्या में कोरोना केस रिपोर्ट हो रहे हैं।