जगदलपुर I नक्सल प्रभावित नारायणपुर जिले के अबूझमाड़ इलाका अब नक्सलियों के आतंक के साथ मलेरिया को लेकर संवेदनशील हो रहा है। तमाम उपाय किए जाने के बाद भी अबूझमाड़ इलाके के 432 गांव में से 152 गांवों मलेरिया घातक बीमारी के रूप में फैल चुका है। अचानक मलेरिया के मरीजों की बड़ी संख्या में मिलने के बाद इन गांवों को मलेरिया महामारी के रूप में घोषित कर दिया गया है।
इन 152 गांवों में इस समय हर गांव में मलेरिया से पीडित मरीजों की संख्या 4 से अधिक है। बस्तर संभाग में चलाए जा रहे मलेरिया मुक्त छग अभियान में अब तक नारायणपुर जिले में अब तक 985 मरीज मिल चुके हैं। इसमें से करीब 700 मरीज केवल अबूझमाड़ एरिया के हैं। जानकारी के मुताबिक इसी जिले में चलाए गए पाचवें चरण के मलेरिया मुक्त अभियान में 2847 मरीज मिले थे।
जिसके छठवें चरण में और अधिक बढ़ने की बात कही जा रही है। अबूझमाड़ इलाके में मिल रहे मलेरिया मरीजों में करीब 60 फीसदी मरीज बिना लक्षण वाले हैं। अब तक हुई जांच में 424 लक्षण वाले तो वहीं 554 बिना लक्षण वाले हैं। गौरतलब है कि मलेरिया के मरीजों की संख्या बड़ी संख्या में मिलने से मलेरिया का एपीआई भी बढ़ गया है। पिछले साल तक चले पांचवे चरण में एपीआई 14 थी जो अब बढ़कर 23 हो गई है। मलेरिया बिना लक्षण वाले हैं।
1 से 4 और 5 से 8 साल के बच्चे ज्यादा पीड़ित
अबूझमाड़ के साथ ही अन्य इलाकों में फैला मलेरिया महिलाओं और पुरुषों की तुलना में बच्चों के लिए घातक बन रहा है। अब तक 985 मरीजों में 335 महिला पुरुष तो वहीं बाकी के बचे 630 मरीजों में बच्चे शामिल हैं। इसमें भी 1-4 और 5-8 साल के बच्चों के लिए यह बीमारी घातक बनी हुई है। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक 31 मई की स्थिति में 1-4 साल के 233 और 5-8 साल के 203 बच्चे मलेरिया से पीड़ित मिल चुके हैं। जबकि 0-1 साल में 35 और 9-14 साल के 156 बच्चे इस बीमारी का शिकार हो चुके हैं।
8316 घरों में किया गया सर्वे
स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों ने 31 मई जिल के 8316 घरों में सर्वे कर चुके हैं। इसमें से अब तक 170 घरों में लोग मच्छरदानी का उपयोग नहीं करते मिले। जब स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों से इस मामले को लेकर बात की गई तो उन्होंने मच्छरदानी का उपयोग नहीं करने से पीड़ित हैं।
गांव में 2 मरीज मिले महामारी घोषित
नारायणपुर जिले के सीएमएचओ डॉ बीआर पुजारी ने कहा कि अबुझमाड़ के 152 गांवों मे मलेरिया महामारी के रूप में घोषित किया गया है। इसका कारण एक गांव में मलेरिया के दो से अधिक मरीजों का मिलना है। आने वाले दिनों में 1 लाख 40 हजार मेडिकेटेड मच्छरदानी बांटने के साथ ही दवा का छिड़काव भी किया जाएगा।