गरियाबंद। जिला कोविड केयर अस्पताल में मरीजों ने भोजन को लेकर आज फिर जमकर हंगामा किया. मरीजों का आरोप है कि उन्हें बासी खाना परोसा जा रहा है, जबकि कलेक्टर द्वारा भोजन के लिए नियुक्त नोडल अधिकारी मरीजों के आरोपों से कोई इतेफाक नहीं रखते.
जिला खाद्य एवं औषधीय अधिकारी तरुण बिरला जो कल से कोविड केयर अस्पताल में भोजन के नोडल अधिकारी की जिम्मेदारी भी संभाल रहे है. उनका कहना है कि भोजन बासी नही है, ठंडा भले ही हो सकता है. उन्होंने दावा किया कि वे सुबह से ही कोविड सेंटर की मैस में मौजूद है और अपनी आंखों के सामने खाने को बनवा रहे है. इसलिए वे दावे के साथ कह सकते है कि भोजन बासी नहीं है.
उधर कोविड सेंटर में हंगामा करने वाले मरीजों का आरोप है कि उन्हें बासी खाना परोसा जा रहा है. मरीजो ने खाने का आज फिर एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल किया है. जिसमें उन्होंने प्लेटो में रखे भोजन की क्वालिटी ओर उसके बासी होने का सबूत पेश किया है.
हालांकि नोडल अधिकारी ने कोरोना से जुड़ी जानकारी साझा करते हुए बताया कि इस बीमारी में मरीजों के खाने का टेस्ट बदल जाता है. कोरोना में खाना बेस्वाद लगता है, हो सकता है इसलिए मरीजों को खाना अच्छा नहीं लग रहा होगा. लेकिन खाना ताजा है और आज उनकी देखरेख में ही वेंडर द्वारा मैस में मरीजो के लिए खाना तैयार किया गया है.
गौरतलब है कि बीते कुछ दिनों से कोविड सेंटर में खाने को लेकर हंगामा मचा हुआ है. कलेक्टर निलेशकुमार क्षीरसागर ने इसे गंभीरता से लिया है. उन्होंने कल ही इसके लिए एक नोडल अधिकारी नियुक्त किया जो प्रतिदिन उन्हें मरीजों को दिए जाने वाले खाने की जांच कर लिखित रिपोर्ट पेश करेगा. यही नही आज कलेक्टर ने खुद खाने की जानकारी ली है.
ऐसे में यह बता पाना बड़ा मुश्किल है कि सच्चाई क्या है. मरीजों की अपनी दलीलें ओर सबूत है वही नोडल अधिकारी के अपने दावे है.