नईदिल्ली I सेना में भर्ती के लिए लाई गई अग्निपथ योजना को लेकर विवाद थम नहीं रहा है. युवा प्रदर्शन कर रहे हैं तो विपक्ष भी केंद्र सरकार को घेर रहा है. वहीं सत्ता पक्ष की ओर से भी लगातार पलटवार किया जा रहा है. अब केंद्रीय मंत्री और पूर्व सेना प्रमुख वी.के. सिंह ने प्रदर्शनकारियों को खरी-खरी सुनाई है. पूर्व सेना प्रमुख ने कहा कि हमारे यहां अनिवार्यता नहीं है, जिसको आना है आए. अगर आपको अग्निपथ योजना अच्छी नहीं लगी तो मत आओ. आपको बोल कौन रहा है आने को, आप बसें जला रहे हो, ट्रेन जला रहे हो, किसी ने आपको बोला कि हम आपको फौज में लेंगे.
केंद्रीय वी.के. सिंह ने आगे कहा कि मेरा मानना है कि अगर कोई 4 साल सेना में सेवा करने के बाद आता है तो वह सक्षम है और उसे किसी सहारे की जरूरत नहीं है. सेना रोजगार का साधन नहीं है. यह कोई दुकान या कंपनी नहीं है. सेना में जो भी जाता है, स्वेच्छा से वहां जाता है. यह एक स्वैच्छिक योजना है. जो आना चाहते हैं वे आ सकते हैं. आपको आने के लिए कौन कह रहा है? आप बस और ट्रेन जला रहे हैं, किसी ने कहा है कि आपको सेना में ले जाया जाएगा?
सेना ने किया साफ- अग्निपथ योजना वापस नहीं ली जाएगी
गौरतलब है कि सशस्त्र बलों में भर्ती के लिए लाई गई अग्निपथ योजना के खिलाफ देश के विभिन्न हिस्सों में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. कुछ जगहों पर, विरोध प्रदर्शन हिंसक हो गए और ट्रेनों में आग लगा दी गई. आज इस योजना को लेकर तीनों सेनाओं की तरफ से एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस भी की गई. जिसमें साफ कहा गया कि अग्निपथ योजना वापस नहीं ली जाएगी. अब सेना में भर्ती इसी योजना के तहत ही होगी.