लखनऊ। उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी स्ट्रेन के काफी गति पकडऩे के दौरान संसाधनों की कमी को दूर करने के लिए भारतीय जनता पार्टी के मंत्री तथा विधायक फ्रंट पर आ गए हैं। सूबे में कोविड-19 महामारी के चलते गंभीर होते हालात में आम लोगों को जरूरी चिकित्सीय सुविधा उपलब्ध हो, इसके लिए विधायक निधि देने की होड़ फिर से दिखने लगी है।

उत्तर प्रदेश में बढ़ते कोरोना वायरस के संक्रमण के खिलाफ हर स्तर पर लड़ाई तेज हो चुकी है। इस पर अंकुश लगाने के लिए प्रशासनिक अफसर और कर्मचारी दिन-रात मेहनत कर रहे हैं। संसाधनों की कमी न हो इसके लिए मंत्री तथा विधायकों ने भी अपनी निधि का मुंह खोल दिया है। डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के साथ साथ योगी आदित्यनाथ सरकार के आधा दर्जन से अधिक मंत्रियों तथा एक दर्जन से अधिक विधायकों ने अपनी निधि से एक-एक करोड़ रुपया चिकित्सीय संसाधन जुटाने के लिए दिए हैं।

प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने प्रयागराज के मुख्य विकास अधिकारी को पत्र लिख कर निर्देशित किया है कि उनकी विधायक निधि से एक करोड़ रुपये जारी कर दिए जाएं। इस रकम से प्रयागराज में अस्थायी आरटीपीसीआर जांच केंद्र बनाने, ऑक्सीमीटर उपलब्ध कराने, होम आइसोलेशन में रह रहे लोगों को दवाएं, ऑक्सीजन आदि उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं। इसी क्रम में उन्होंने अपने पैतृक जिला कौशांबी के लिए भी 50 लाख रुपये जारी करने को कहा है, इससे भी जरूरी संसाधन जुटाए जाएंगे।

उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के साथ संसदीय कार्य, चिकित्सा शिक्षा व वित्त मंत्री सुरेश खन्ना और ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने भी अपनी विधायक निधि से एक-एक करोड़ रुपये की धनराशि कोविड महामारी से बचाव में खर्च करने की सहमति दी है। ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने मुख्य विकास अधिकारी मथुरा और संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना ने सीडीओ शाहजहांपुर को कोविड-19 महामारी से पीडि़तों के उपचार के लिए एक करोड़ रुपये उनकी विधायक निधि से अवमुक्त करने को कहा है।