हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने मौजूदा मंकीपॉक्स महामारी को एक वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित किया था। इसके बाद से पूरी दुनिया मंकीपॉक्स के खिलाफ कड़े उपाय अपनाने पर जोर दे रही है। इस बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा कि वह मंकीपॉक्स के खिलाफ मास वैक्सीनशन यानी सामूहिक टीकाकरण की सिफारिश नहीं कर रहा है। WHO की तरफ से ये बयान ऐसे समय में आया है जब 78 देशों में मंकीपॉक्स के 18,000 से अधिक मामले सामने आए हैं।
डब्ल्यूएचओ के प्रमुख टेड्रोस एडनॉम घेब्रेयसस ने बुधवार को कहा, “डब्ल्यूएचओ मंकीपॉक्स वाले किसी व्यक्ति के संपर्क में आने वालों के लिए टारगेट वैक्सीनेशन की सिफारिश करता है। इसके अलावा WHO उन लोगों को वैक्सीन देने की सिफारिश करता है जो उच्च जोखिम में हैं, इनमें स्वास्थ्य कार्यकर्ता, कुछ लैब कर्मचारी और ऐसे लोग शामिल हैं जिनके कई सेक्सुअल पार्टनर हैं। इस समय, हम मंकीपॉक्स के खिलाफ मास वैक्सीनेशन (सामूहिक टीकाकरण) की सिफारिश नहीं करते हैं।”
डब्ल्यूएचओ ने कहा, “अब तक डब्ल्यूएचओ को 78 देशों से मंकीपॉक्स के 18 हजार से अधिक मामलों के बारे में पता चला है। इनमें से 70 प्रतिशत से अधिक मामले यूरोपीय क्षेत्र से और 25 प्रतिशत अमेरिका के क्षेत्र से सामने आए हैं।” विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा कि अब तक पांच मौतों की भी सूचना मिली है। लगभग 10 प्रतिशत मामलों में बीमारी के कारण होने वाले तेज दर्द के चलते उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। टेड्रोस ने कहा, “अगर देश, समुदाय और व्यक्ति खुद को सजग रखते हैं, जोखिमों को गंभीरता से लेते हैं, और संक्रमण को रोकने और कमजोर लोगों की रक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाते हैं तो यह एक ऐसा प्रकोप है जिसे रोका जा सकता है।”