बिहार में सत्तारूढ़ जनता दल (यू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने सोमवार को कहा कि पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह के त्यागपत्र के बाद उभरे राजनीतिक परिदृश्य पर चर्चा के लिए मंगलवार को पार्टी के विधायकों और सांसदों की बैठक बुलाई गयी है। सिंह ने संवाददाताओं से बातचीत में इन अटकलों का कोई जवाब नहीं दिया कि क्या मुख्यमंत्री नीतीश कुमार राजग से बाहर निकलने की योजना बना रहे हैं।
हमनें अखबारों में पढ़ा- अमित शाह ने कहा आरसीपी की मंत्री पद की शपथ के लिए मंजूरी दी गई थी
ललन सिंह ने कहा, ‘‘मैंने अखबारों में पढ़ा, आरसीपी सिंह ने कहा है कि उन्हें केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बताया था कि उनके नाम को मंत्री पद के लिए मंजूरी दी गई है। उन्होंने मुख्यमंत्री को सूचित करने के बाद शपथ लेने का दावा किया था, जो कि इसकी पुष्टि करता है कि हम आरसीपी पर क्या आरोप लगाते रहे हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमारा आरोप है कि आरसीपी अपनी मर्जी से मंत्री बने थे। क्या शाह हमारी पार्टी के नेता हैं? क्या भाजपा तय कर सकती है कि जदयू का कौन नेता मंत्री बनेगा?’’ जदयू के कुछ सदस्यों द्वारा लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों पर आरसीपी से स्पष्टीकरण मांगने के लिए नोटिस दिया गया था । इसके बाद सिंह ने दो दिन पहले पार्टी से इस्तीफा दे दिया था आरसीपी को पिछले साल केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल किया गया था।
एक आईएएस से लेकर केंद्रिय मंत्री तक आरसीपी का सफर
नीतीश ने रेल मंत्री रहते हुये अपने निजी सचिव रहे पूर्व आईएएस अधिकारी आरसीपी सिंह को 2010 में अपनी पार्टी से राज्यसभा का सदस्य बनाकर राजनीति में उतारा था । बाद में उन्हें पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष की जिम्मेदारी भी सौंपी थी । केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल होने के बाद आरसीपी को जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद छोड़ना पड़ा और उनके बाद ललन सिंह को यह पद सौंपा गया। कुछ महीने पहले संपन्न राज्यसभा चुनाव में जदयू ने आरसीपी सिंह को उम्मीदवार नहीं बनाया, जिसके बाद उन्हें मंत्री पद छोड़ देना पड़ा था । ललन सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री ने आरसीपी प्रकरण के बाद पैदा हुयी स्थिति के बारे में पार्टी सांसदों से उनके विचार जानने के लिए कल बैठक बुलाई है ।