New Delhi. चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग के करीब 6 महीने बाद भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने एक और खुशखबरी दी है। इसरो का कहना है कि चंद्रयान-4 को लेकर आंतरिक स्तर पर चर्चा जारी है। इसके लिए अनूठा डिजाइन और मॉर्डन टेक्नोलॉजी डेवलप की जा रही है। मालूम हो कि अगस्त 2023 में चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रयान-3 का सफल प्रक्षेपण हुआ था। इसके बाद इसरो ने चांद की सतह से मिट्टी धरती पर लाने के लिए एक और जटिल मिशन की योजना बनाई है। इसरो के अध्यक्ष एस. सोमनाथ ने शनिवार को जीएसएलवी-एफ14/इनसैट-3डीएस उपग्रह के सफल लॉन्च के बाद यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि अंतरिक्ष एजेंसी चंद्रयान-3 की सफलता के बाद भविष्य में चंद्रयान-4, 5, 6 और 7 मिशन भेजना चाहती है।
सोमनाथ ने कहा, ‘हम इस पर काम कर रहे हैं कि चंद्रयान-4 अंतरिक्ष यान में क्या-क्या होना चाहिए। पहला सवाल यह है कि चंद्रयान-4 में उपकरण के तौर पर क्या-क्या होना चाहिए।’ उन्होंने कहा कि इस बार कुछ अलग करने की योजना है। इसरो चीफ ने कहा, ‘पहली चीज हमने यह तय की कि चंद्रयान-4 के जरिए चंद्रमा की मिट्टी का सैंपल पृथ्वी पर लाया जाए। हम इसे रोबोटिक तरीके से करना चाहते हैं। इसलिए, यही चर्चा चल रही है। हम सभी इस चर्चा में शामिल हैं कि उपलब्ध रॉकेटों के साथ यह काम कैसे किया जाए। आप जानते हैं कि चंद्रमा पर जाना, नमूना लाना बहुत जटिल काम है।’
चंद्रयान-4 मिशन के लिए हाई लेवल की टेक्नोलॉजी जरूरी: सोमनाथ
अंतरिक्ष विभाग के सचिव ने कहा कि वैज्ञानिक चंद्रयान-4 मिशन के लिए हाई लेवल की टेक्नोलॉजी डेवलप कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘इस मिशन को पूरा करने के लिए हम उच्च प्रौद्योगिकी विकसित कर रहे हैं। सरकार की मंजूरी के बाद हम जल्द ही इस बारे में बताएंगे। अभी इंतजार करें।’ वहीं, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अगली पीढ़ी के मौसम पूर्वानुमान उपग्रह के सफल लॉन्च के लिए इसरो के वैज्ञानिकों को बधाई दी है। शाह ने एक्स पर पोस्ट में कहा, ‘तीसरी पीढ़ी का उपकरण प्राकृतिक आपदाओं का मुकाबला करने में भारत को और मजबूत बनाएगा। यह हर आपदा में किसी के भी हताहत नहीं होने संबंधी प्रधानमंत्री मोदी के संकल्प को साकार करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।’