रायपुर. कोरोना बीमारी में सबसे उपयोगी ऑक्सीजन की सप्लाई केंद्र सरकार के आदेश के बाद राज्य ने भी उद्योगों में ऑक्सीजन सप्लाई पूरी तरह बंद कर दी है. यही कारण है कि राजधानी के उरला के करीब 40 प्लांट बंद होने की कगार पर है.
उरला इंडस्ट्रियल एसोसिएशन के अध्यक्ष अश्विन गर्ग ने लल्लूराम डॉट कॉम से बातचीत में बताया कि इसका असर ये हो रहा है कि अब छत्तीसगढ़ से पलायन शुरू होने लगा है. उन्होंने कहा कि इस कोरोना महामारी में हम भी चाहते है कि अस्पतालों को अधिक से अधिक ऑक्सीजन सप्लाई की जाएं और बिना ऑक्सीजन के किसी भी मरीज की मौत नहीं होनी चाहिए.
लेकिन उन्होंने ये भी कहा कि पिछले कोरोना काल में 80 :20 का रेशियो था. यानी 80 प्रतिशत अस्पताल और 20 प्रतिशत उद्योगों को ऑक्सीजन सप्लाई होता था. जिससे दोनो काम चलते थे. लेकिन नेश्नल डिजास्टर एक्ट लगने के बाद अब उद्योगों की हालत खराब हो गई है.
उन्होंने कहा कि एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से ये मांग की थी कि अस्पतालों को ऑक्सीजन सप्लाई होने के बाद जो बचे उसमें से कुछ हिस्सा उद्योगों को भी दिया जाए. जिससे प्रदेश से पलायन न हो. ये मांग मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से पिछले दिनों हुई वीडियो कांफ्रेंसिंग में रखी है.
लेकिन अब तक केंद्र की तरफ से कोई आदेश जारी नहीं हुआ है. यही कारण है कि जिन प्लांटों में ऑक्सीजन प्लांट नहीं है उनकी हालत खराब है.
एसोसिएशन के अध्यक्ष ने ये भी कहा कि बैंकिंग काम भी प्रभावित हो गया है. चैक क्लियर नहीं हो रहे है, जिससे भी उद्योगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. सोशल मीडिया में वायरल 40 उद्योगों के बंद होने की सूची पर उन्होंने मुहर तो नहीं लगाई लेकिन ये जरूर कहा कि बिना ऑक्सीजन उद्योगों में काम संभव नहीं है.