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MBBS छात्र कोरोना वार्ड में ड्यूटी करने को तैयार, लेकिन रखी ये शर्तें
रायपुर। पूरा देश में कोरोना महामारी से जूझ रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 3 मई को MBBS के फाइनल इयर के छात्रों की ड्यूटी कोरोना वार्ड में लगाने को कहा था. हालांकि अभी तक छत्तीसगढ़ सरकार ने ड्यूटी लगाने को लेकर ऐसा कोई आदेश जारी नहीं किया है. इस बीच प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेज के छात्रों और AIIMS रायपुर के फाइनल इयर के छात्रों ने कोरोना वार्ड में ड्यूटी करने की इच्छा जताई है. लेकिन ड्यूटी करने के साथ ही छात्रों ने कुछ शर्तें भी केंद्र और राज्य के समक्ष रखी है.
रायपुर एम्स के डॉक्टरों और MBBS छात्रों ने कहा कि छत्तीसगढ़ में पिछले महीने ही मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कोरोना वार्ड में छात्रों का ड्यूटी लगाने का निर्णय लिया था. लेकिन आदेश जारी नहीं किया गया है. इन हालातों में एमबीबीएस छात्रों के ड्यूटी करने से डॉक्टरों के ऊपर वार्कलोड कम होगा. उन्हें एक्स्ट्रा मदद मिलेगी. फ़ैकल्टी के गाइडेंस में काम करने से स्टूडेंट्स अच्छी मदद कर पाएंगे.
CHC और PHC में लगाई जाए ड्यूटी
MBBS छात्रों का कहना है कि छात्रों को CHC और PHC में ड्यूटी लगाई जाए. जिससे की गाँव के मरीज़ों को गाँव के लेवल पर ही उपचार मिल जाए. जिससे मरीजों को रायपुर और जिला चिकित्सालय में आने की ज़रूरत न पड़े. इससे बड़े अस्पताल एम्स और मेकाहारा पर लोड कम होगा.
MBBS छात्रों ने मदद के लिए बढ़ाया हाथ
MBBS छात्रों ने यह भी सुझाव दिया कि विदेशों में पढ़ाई कर आए छात्रों की भी कोरोना वार्ड में ड्यूटी लगाई जाए. उन्हें भी देश की सेवा करने का मौका दिया जाए. इस वक़्त जितने ज़्यादा मदद के हाथ बढ़ाएंगे, उतना ही जल्दी हम इस महामारी से बाहर निकल पाएंगे. छात्रों ने कहा कि उन्होंने हिप्पोक्रेटिक ओथ ली है. जिससे छात्र प्रतिबंध है कि वह लोगों की मदद करे. यही सही वक़्त है समाज को आगे बढ़कर मदद करनी चाहिए. हर तबके को अपने-अपने हिसाब से मदद करनी चाहिए.
MBBS छात्रों ने केंद्र और राज्य से की है ये मांग
- केवल वैक्सीन के दोनों डोस लग रखे की ही ड्यूटी लगायी जाए.
- सरकार सभी स्टूडेंट्स और डॉक्टर्स का हेल्थ इंश्योरेंस करे.
- प्रॉपर ट्रेनिंग के बाद ही फैकल्टी के सुपरविजन में ड्यूटी लगाई जाए.
- कोरोना वार्ड में ड्यूटी कर रहे छात्रों को NEET PG एग्जाम में ग्रेस मार्क्स दिए जाए.
- कुछ राज्यों में सरकार स्टूडेंट्स को दिन का 100 रुपए दे रही है, जो की एक डॉक्टर के लिए काफी कम होता है. इसलिए एक रिस्पेक्ट स्टाइपेंड दिया जाए. स्टूडेंट्स को इंटर्न जितना.
- स्टूडेंट्स के हॉस्पिटल में रहने, खाने की व्यवस्था हॉस्पिटल कर रहा है, लेकिन उसमें साफ सफाई और क्वालिटी भी अस्पताल प्रबंधन दे.
- जिन कॉलेज के छात्रों की परीक्षा अगले महीने होने वाली है, उनकी ड्यूटी न लगाई जाए.