जगदलपुर 10 मई 2021। कोरोना के कहर के बीच दिल दहला देने वाली कई तस्वीरें आ रही है। विचलित करने वाली एक ऐसी ही तस्वीर जगदलपुर के बास्तानार से आयी है। शिक्षक पिता की मौत के कुछ घंटे बाद ही दो मासूमों के सर से मां का साया भी उठ गया। मौत से अनजान बच्चे मां को सोया समझकर उठाते रहे, लेकिन मां नहीं उठी। वक्त की विडंबना समझिये या फिर कोरोना का डर, यतीम बच्चे घंटों मां-मां बोलकर बिलखते रहे, लेकिन किसी ने उन्हें गले लगाया और ना ही पुचकारा।

दरअसल बास्तानार में पदस्थ  शिक्षक भागीरथी ओगरे कोरोना से संक्रमित हो गए थे। तबीयत बिगड़ी तो उन्हें डिमरापाल मेडिकल कॉलेज में भर्ती करवाया गया, इस दौरान उनकी पत्नी संतोषी ओगरे भी संक्रमित हो गईं। संतोषी की तबीयत ठीक थी, इसलिए वो घर पर ही आईसोलेट थे, संतोषी के साथ उसके दो बच्चे एक 5 साल की बेटी और दूसरा 3 साल का बेटा था। शनिवार की रात शिक्षक की मेडिकल कॉलेज में मौत हो गई। अभी जैसे-तैसे शिक्षक का अंतिम संस्कार हुआ ही था, कि उसकी पत्नी की भी मौत हो गयी।

घर में आईसोलेट होने की वजह से संतोषी के घर में कोई नहीं जाता था। आज सुबह जब बच्चे उठे तो मां को बेसुध देखा, जिसके बाद बच्चे ने मां को उठाने की कोशिश की, लेकिन वो नहीं उठी तो बच्ची ने अपने मकान मालिक को जाकर पूरी बात बतायी। मकान मालिक ने जाकर देखा तो महिला की मौत हो चुकी थी।

महिला की मौत की खबर के बाद स्थानीय लोग आसपास जुट तो गये, लेकिन पास ही खड़े रो रहे दोनों बच्चों को किसी ने भी चुप नहीं कराया। ना तो किसी ने उन्हें दुलारकर चुप कराया और ना ही ढ़ांढस बंधाया। दोनों यतीम बच्चे रोते-बिलखते पास के पेड़ के नीचे बैठे रहे।  पड़ोसियों ने बताया कि सुबह एक डॉकटर पहुंचे थे जिन्होंने संतोषी ओगरे की जाँच कर उन्हें मृत घोषित कर दिया था पर उनके संपर्क में रहे बच्चों की स्थिति जानने के लिए घंटों जाँच टीम नहीं पहुंची थी जिस वजह से कोई भी बच्चों के पास नहीं जा रहा था।