कोरोना महामारी के बढ़ते प्रकोप के बीच कई राज्यों ने लॉकडाउन जैसे प्रतिबंध लगा दिये हैं। जैसे-जैसे लॉकडाउन की अवधि बढ़ती जा रही है, प्रवासी मजदूरों के सामने रोजी-रोटी का संकट बढ़ता जा रहा है। ऐसे में कई राज्यों से मजदूरों का पलायन शुरु हो गया है। साथ ही आमदनी और खाने-पीने की व्यवस्था न हो पाने के कारण इनसे सामने भुखमरी की समस्या खड़ी हो गई है। इसे देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और इन तीन राज्यों की सरकारों को निर्देश दिया है कि वो प्रवासी मजदूरों को मई से आत्मनिर्भर भारत या किसी अन्य योजना के तहत सार्वजनिक वितरण प्रणाली के जरिए सूखा राशन उपलब्ध कराएं।
सुप्रीम कोर्ट ने मजदूरों की स्थिति पर संज्ञान लेते हुए गुरुवार को दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश की सरकारों को निर्देश दिया है कि वो दिल्ली-NCR में बहु चर्चित जगहों पर सामुदायिक किचन खोलें, ताकि इलाके में फंसे हुए मजदूरों और प्रवासियों और उनके परिजनों को दो वक्त का खाना उपलब्ध हो सके। NCR में इन तीन राज्यों के जिले शामिल हैं, जहां की चर्चित जगहों पर कोर्ट ने सामुदायिक किचन बनाने का निर्देश दिया है।
वहीं सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली, उत्तर प्रदेश और हरियाणा सरकार से ये भी कहा है कि अगर दिल्ली-NCR में फंसा कोई मजदूर अपने घर लौटना चाहता है तो सरकारें उनके लिए ट्रांसपोर्ट की व्यवस्था कराएं। याद हो कि पिछले साल लॉकडाउन के दौरान हजारों मजदूर आय और खाने-पीने की कमी के चलते अपने-अपने गृह राज्य लौटने लगे थे। इनमें से कईयों को परिवहन की व्यवस्था नहीं होने के कारण भारी परेशानी उठानी पड़ी थी। सुप्रीम कोर्ट ने आगाह किया है कि इस बार वैसी स्थिति नहीं आनी चाहिए।