नई दिल्ली|
बीते कुछ दिनों में गंगा नदी में तैरते मिले दर्जनों शव के मामले पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने संज्ञान लिया है। एनएचआरसी ने मामले में केंद्र, यूपी और बिहार की सरकारों को नोटिस जारी कर, चार हफ्तों में कार्रवाई की रिपोर्ट मांगी है।
नोटिस जारी करते हुए आयोग ने कहा है कि ऐसा लगता है जैसे प्रशासन जनता को गंगा नदी में आधे जले हुए या बिना जले शवों को बहाने के नुकसानों के बारे में शिक्षित नहीं कर सका है। पवित्र नदी गंगा में शवों को बहाना साफ तौर पर जल शक्ति मंत्रालय के स्वच्छ गंगा अभियान के तहत जारी किए दिशानिर्देशों का उल्लंघन है।
आयोग में 11 मई को यह शिकायत की गई थी। शिकायतकर्ता ने कहा है कि कई मीडिया रिपोर्ट्स में यह भी आशंका जाहिर की गई है कि नदी में बहाए जा रहे शव कोरोना संक्रमितों के हो सकते हैं। ऐसे में शवों को इस तरह बहाना उन लोगों के लिए गंभीर हो सकता है जो अपनी रोजमर्रा के जीवन में नदी पर निर्भर है।
शिकायतकर्ता ने आगे यह भी कहा है कि अगर ये शव कोरोना संक्रमितों के नहीं भी हैं तो भी इस तरह नदी में लाशें बहाना समाज के लिए शर्मिंदा करने वाला कृत्य है क्योंकि यह मृत व्यक्ति के मानवाधिकारों का भी हनन है। शिकायतकर्ता ने आयोग से मामले मे हस्तक्षेप की मांग की है और उन लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने को कहा है जो इन मामलों को रोकने में असफल रहे।