विद्युत उपभोक्ता ने सक्षम न्यायालय में लाखों का किया क्षतिपूर्ति दावा
कोरबा| छत्तीसगढ़ विद्युत वितरण कंपनी कोरबा के विभागीय लोकसेवकों द्वारा महाराणा प्रताप नगर कोरबा के आवासीय मकान एल आई जी 241 का विद्युत मीटर क्रमांक 1002074900, के विद्युत लाईन को 11 जनवरी 2013 को 03 दिनों तक काट दिया गया था, उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के जानकार विद्युत उपभोक्ता ने RTI के माध्यम से महत्वपूर्ण आवश्यक जानकारी हासिल करते हुए, जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण फोरम कोरबा के समक्ष वर्ष 2013-14 में परिवाद प्रकरण CC/14/02 प्रस्तुत करके एक लाख रूपये की आर्थिक क्षति को विद्युत कंपनी से दिलाये जाने का मांग किये थे। तब से लेकर अब तक के छत्तीसगढ़ विद्युत वितरण कंपनी के तत्कालीन समस्त संबंधित व प्रकरण में शामिल भ्रष्ट अधिकारियों में बौखलाहट है।
उपभोक्ता को प्राप्त अधिकार के महत्व को जिला उपभोक्ता फोरम कोरबा एवं छत्तीसगढ़ राज्य उपभोक्ता प्रतितोषण आयोग रायपुर द्वारा अनदेखा करके उपभोक्ता के विरूद्ध किये फैसले को प्रबुद्ध एवं समझदार उपभोक्ता ने अस्वीकार करके राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग दिल्ली पर वर्ष 2015 में अपील RP/1352/2015 प्रस्तुत कर जिला फोरम एवं छत्तीसगढ़ राज्य आयोग के फैसले को चुनौती दिया है।
विद्युत उपभोक्ता द्वारा उठाये कदम ने छत्तीसगढ़ विद्युत विभाग के सभी उस विद्युत डकैती में शामिल लोगों के मनसूबों पर पानी फेर दिया है।
विभिन्न विभागों द्वारा किये कार्यवाही का RTI से प्राप्त जानकारी से छत्तीसगढ़ विद्युत वितरण कंपनी के तत्कालीन विद्युत कर्मियों ने उस घटना से संबंधित स्वयं के दर्जनों गल्तियों का साक्ष्य विद्युत उपभोक्ता को देकर अपने विभाग का किरकिरी करा चुके हैं।
विद्युत उपभोक्ता के बताये अनुसार न्याय निर्धारण के लिये आवश्यक आवेदक-अनावेदक का साक्ष्य पेपर न्यायालय राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग दिल्ली के समक्ष प्रस्तुत हो चुके हैं।
CSPDCL और उपभोक्ता के अधिकार, मान-सम्मान और (NCDRC) के अपमान पर होगा त्वरित फैसला
सामान्यतः जनता के द्वारा विद्युत लाईन की चोरी करना अनेकों बार सुना और देखा है, लेकिन CSPDCLके गुण्डों के द्वारा विद्युत डकैती को अंजाम देना ऐतिहासिक घटना है, CSPDCL के गुण्डों ने न्यायालयीन आदेश का सम्मान करना भूल गये, देश-प्रदेश की न्याय व्यवस्था का बार-बार अनादर करने का परिणाम 06 जुलाई के बाद अविलम्ब दिखने की संभावना है।
छत्तीसगढ़ विद्युत वितरण कंपनी के तत्कालीन विभागीय विद्युत कर्मियों/अधिकारियों एवं विद्युत कंपनी के पक्ष में कार्यरत अन्य सहयोगियों द्वारा किये असाधारण कृत्यों का कोरबा से प्रकाशित दैनिक समाचार पत्र नव-ऊर्जा में बार-बार हुए प्रकाशन से लोगों में छ.ग. प्रदेश के भ्रष्ट अधिकारियों के कारगुजारियों (अन्याय) के विरूद्ध स्वाभिमान की लड़ाई लड़ने की ऊर्जा मिली है।
उपरोक्त घटनाक्रम के परिपेक्ष में बेवजह तीन बार हुए विद्युत विच्छेदन से पीड़ित विद्युत उपभोक्ता ने छत्तीसगढ़ के भ्रष्ट एवं लालची विद्युत कंपनी से निर्देशित विद्युत विच्छेदनकर्ता के विरूद्ध सक्षम न्यायालय पर छत्तीसगढ़ विद्युत वितरण कंपनी के विरूद्ध 4 अलग-अलग प्रकरण दर्ज करके विद्युत विभाग के खिलाफ विगत 8 वर्षों से मोर्चा सम्भाल रखा है।
अधिनियम 1986 धारा 12 उपभोक्ता जनता का मजबूत आधार
देश के 130 करोड़ उपभोक्ताओं के लिये उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 धारा 12 का उपयोग और देश- हित के लिये बना कानून का सम्मान ही जनता का मजबूत आधार होता है।
प्रताड़ित महिला ने घटना के 08 वर्ष के लम्बे इंतजार बाद 17 जनवरी 2021 को नगर पुलिस अधीक्षक कोरबा को 40 आरोपियों के नामजद सूची भेजकर उपभोक्ता को बेवजह प्रताड़ित करने का आरोप लगाते हुए उनके विरूद्ध एफ आई आर दर्ज करने की गुहार लगाई है।
राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग दिल्ली पर उपभोक्ता के दायर अपील RP/1352/2015 के पुनर्स्थापना प्रकरण IA/7844/2016 एवं MA/607/2018 में पीड़ित विद्युत उपभोक्ता ने पेशी दिनांक 06/07/2021 के लिये उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग दिल्ली के समक्ष 35 बिन्दुओं में अपना अन्तिम मौखिक कथन का लिखित तर्क प्रस्तुत करके-
1 करोड़ रूपये से ऊपर की आर्थिक क्षति राशि का मांग किया है। चुनौती दिलचस्प है, एक तरफ छत्तीसगढ़ प्रदेश के 3 करोड़ जनता के लिये सिरदर्द बने छत्तीसगढ़ सरकार के बेलगाम विद्युत विभाग है तो दूसरी तरफ उस कंपनी द्वारा उपभोक्ता को सेवा का अधिकार से वंचित उपभोक्ता का 04 अलग-अलग प्रस्तुत परिवाद/अपील प्रकरण का न्यायालयीन फैसला देशवासियों के लिये निश्चित तौर पर ऐतिहासिक उदाहरण होगा।
06/07/2021 के बाद आने वाला राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (NCDRC) दिल्ली का न्यायालयीन फैसला – विद्युत चोरी रोकने के लिए प्रशासनिक कसावट लाने में महत्वपूर्ण होगा।