नई दिल्ली। देश में कोरोना की दूसरी लहर में कहर मचाने वाले डेल्टा वेरिएंट में भी अब बदलाव आ चुका है. इसे डेल्टा प्लस वेरिएंट बताया जा रहा है. देश के तीन राज्यों महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और केरल में डेल्टा प्लस ने पैर पसार दिए हैं. तीनों राज्यों में संक्रमित 22 मरीज मिल चुके हैं जिनमें से अकेले दो जिले में ही 16 मामले हैं. मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने बताया कि डेल्टा प्लस अब तक दुनिया के 10 देशों में मिल चुका है.

भारत में रत्नागिरी और जलगांव में 16 मामले मिले हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय ने इन राज्यों को एडवाइजरी जारी करते हुए कहा है कि डेल्टा प्लस वैरिएंट को लेकर किस तरह के कार्य करने हैं. जमीनी स्तर पर जांच को बढ़ाने के साथ साथ राज्यों से निगरानी पर जोर देने के लिए कहा है.

उन्होंने स्पष्ट कहा है कि सरकार इस वेरिएंट को बढ़ावा देना नहीं चाहती है. इसलिए राज्यों से इस पर गंभीरता से कार्य करने के निर्देश दिए थे. अब तक देश में 45 हजार सैंपल की सीक्वेंसिंग हो चुकी है. देश की 28 लैब में यह सीक्वेंसिंग हो रही है. उन्होंने बताया कि डेल्टा वैरिएंट से ही डेल्टा प्लस निकला है.

सचिव ने कहा कि कोरोना वायरस में म्यूटेशन देखने को मिल रहे हैं लेकिन इनसे बचने के लिए तरीके एक जैसे हैं. भीड़ से दूर रहना, मास्क और बार बार हाथ धोने के जरिए इनसे बचा जा सकता है. इसलिए लोगों के लिए अब बहुत जरूरी है कि कोविड सतर्कता नियमों का पालन किया जाए.

 टीकों के असर पर रिपोर्ट होगी जारी

स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि डेल्टा प्लस पर टीकों के असर को लेकर सरकार जल्द ही एक रिपोर्ट अगले कुछ दिनों में जारी करेगी. लेकिन मोटे तौर पर यह देखा गया है कि भारत में इस्तेमाल हो रहे दोनों टीके कोविशील्ड और कोवैक्सीन डेल्टा वेरिएंट पर कारगर हैं. लेकिन इनसे कितनी एंटीबॉडी पैदा हो रही है, इसे लेकर जल्द ही सूचना साझा की जाएगी.

इन देशों में मिला डेल्टा प्लस

डेल्टा प्लस का संक्रमण अब तक भारत के अलावा आठ देश में पाया गया है जिसमें अमेरिका, ब्रिटेन, स्विटजरलैंड, पुर्तगाल, जापान, नेपाल, चीन तथा रूस शामिल हैं. जबकि डेल्टा वेरिएंट का संक्रमण 80 से अधिक देशों में पाया गया है. डेल्टा वेरिएंट को डब्ल्यूएचओ ने वेरिएंट ऑफ कंसर्न घोषित किया है. लेकिन डेल्टा प्लस को फिलहाल कमतर श्रेणी के वेरिएंट ऑफ इंटरेस्ट में रखा गया है.